देहरादून, उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के शुरू होने के बाद से ही परेशानियां और विवाद थम नहीं रहे हैं। दअरसल चारधाम यात्रा के साथ ही राज्य में बढ़ते कोरोना के मामले, फिर मौसम की मार, बंद होते हाईवे और अब ताजा विवाद बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर में क्यूआर कोड लगाने का सामने आया है। दअरसल बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की मंजूरी के बिना बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर में डिजिटल भुगतान से जुड़ी एक कंपनी का क्यूआर कोड लगा दिया गया……ये क्यूआर कोड़ किसने लगाया इसकी जांच की जा रही है….बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि ये मंदिर समिति ने क्यूआर कोड नहीं लगाया है….समिति ने पुलिस को तहरीर देकर मामले की जांच की मांग पुलिस से की है…..वहीं विपक्ष ने इस मामले पर सरकार पर हमला लिया है। सवाल ये है कि जब मंदिर समिति ने ये क्यूआर कोड नहीं लगाया है तो फिर कौन बद्रीनाथ केदारनाथ में इसे लगाकर चला गया….और कैसे मंदिर समिति को इसके बारे में पता नहीं चला करेंगे
चारधाम की यात्रा के बीच बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की मंजूरी के बिना बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर में डिजिटल भुगतान से जुड़ी एक कंपनी का क्यूआर कोड किसने लगाया ये अबतक पता नहीं चल पाया है…बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने इस संबंध में केदारनाथ चौकी में तहरीर देने के साथ दोनों धामों में क्यूआर कोड हटवाकर मामले से पल्ला झाड़ लिया है। बता दे कि केदारनाथ मंदिर में डिजिटल भुगतान कंपनी ‘पेटीएम’ का एक क्यूआर कोड मंदिर परिसर में नंदी के पास और दूसरा वीआईपी गेट के पास लगाया गया था। वही बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा की समिति ने कोई क्यूआर कोड नहीं लगाया है। पुलिस को तहरीर देकर मामले की जांच की मांग की गई है। ये क्यूआर कोड दोनों धामों में कपाट खुलने के दिन ही लगाए गए थे। समिति की ओर से पेटीएम का प्रयोग नहीं किया जाता है। वहीं अब इस मामले में विपक्ष ने मंदिर समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं
एक तरफ जहां बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर में क्यूआर कोड का विवाद चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर राज्य में 22 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा के शुरू होने के साथ ही सरकार और श्रद्धालुओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में हो रही बेमौसमी बारिश और बर्फबारी ने मुश्किलें बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने चार मई तक का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने फिल्हाल चारधाम की यात्रा ना करने की सलाह दी है। वहीं राज्य सरकार ने खराब मौसम को देखते हुए 3 मई तक केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण पर तीन मई तक के लिए रोक लगा दी है। साथ ही सरकार ने फिल्हाल यात्रा ना करने की सलाह लोगों को दी है
कुल मिलाकर बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर में मंदिर समिति की मंजूरी के बिना डिजिटल भुगतान के लिए क्यूआर कोड लगाने का मामला बेहद गंभीर है.. सवाल ये है कि पेटीएम ने केदारनाथ के कपाट खुलने के दूसरे दिन ट्वीट करके क्यूआर कोड लगाने की जानकारी दे दी थी तो फिर समिति ने तुरंत कार्रवाई क्यूं नहीं की… दूसरा क्यूआर कोड से किसका खाता लिंक किया गया है? तीसरा श्रद्धालुओं के डिजिटल दान का पैसा किसके खाते में जमा हुआ है? सवाल तो ये भी है कि क्या मंदिर समिति की इसमें कोई जिम्मेदारी नहीं है।