सियासी बवाल, CBI पर सवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई की जांच को लेकर सियासी बवाल मच गया है…दअरसल राज्य में सीबीआई से जुड़े दो बड़े घटनाक्रम हुए हैं। पहला नैनीताल हाईकोर्ट ने उद्यान विभाग में हुए घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले को अति गंभीर मानते हुए राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिए हैं कि अधिकारी इस मामले में सीबीआई को सभी दस्तावेजों के साथ सहयोग करें। नैनीताल हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है….पूरे प्रदेशभर में सरकार का पुतला दहन पर कांग्रेसियों ने सरकार से उद्यान विभाग में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है। एक तरफ जहां कांग्रेस उद्यान विभाग में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रही है तो दूसरी ओर सीबीआई ने स्टिंग प्रकरण मामले की जांच को तेज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को वायस सैंपल देने का नोटिस दिया है। सीबीआइ ने हरीश रावत को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट मेंजबकि हरक सिंह रावत को उनके डिफेंस कालोनी देहरादून स्थित आवास पर नोटिस थमाया। इन दोनों नेताओं को सात नवंबर को सैंपल देने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो सीबीआइ जल्द ही इस मामले में द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट व खानपुर के विधायक उमेश शर्मा को भी नोटिस दे सकती है। आपको बता दें कि साल 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में बगावत के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक कथित वीडियो सामने आया थाजिसमें हरीश रावत को सरकार बचाने के लिए विधायकों से मोलभाव करते हुए दिखाया गया था। कांग्रेस का आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने विपक्ष के नेताओं का उत्पीडन शुरू कर दिया है 

 

देवभूमि उत्तराखंड में सीबीआई पर सियासी बवाल मच गया है। दअरसल हाईकोर्ट ने उद्यान विभाग उत्तराखंड में करोड़ों के हुए घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक खेदजनक स्थिति है। यहां राजनीतिक नेतृत्व सुधारात्मक व उपचारात्मक कदम उठाने के लिए उत्सुक दिखता है लेकिन नौकरशाही अपने पैर पीछे खींचती नजर आती है। खंडपीठ ने 45 पेज के आदेश में कहा है कि इस गंभीर मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। आपराधिक साजिश और राज्य के खजाने में धन के लेनदेन के प्रभाव का पता लगाने के लिए यह जांच जरूरी है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि तीन माह के भीतर जांच पूरी कर सीबीआई मामले को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएगी। आपकों बता दे कि अल्मोड़ा निवासी दीपक करगेती ने जनहित याचिका दाखिल कर उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि उद्यान विभाग में फल और अन्य के पौंधारोपण में गड़बडियां की गई है। विभाग द्वारा एक ही दिन में वर्क आँर्ड़र जारी कर उसी दिन जम्मूकश्मीर से पेड़ लाना दिखाया गया है जिसका पेमेंट भी कर दिया गया। इस पूरे मामले में कई वित्तीय व अन्य गड़बडियां हुई हैं जिसकी सीबीआई जांच कराई जाए…वहीं कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेसियों ने प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है  

 

वहीं एक तरफ जहां कांग्रेसी उद्यान विभाग में घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर सीबीआई की ओर से की जा रही जांच पर कांग्रेस ने सवाल उठाए है….दअरसल सीबीआई ने स्टिंग प्रकरण मामले की जांच को तेज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को वायस सैंपल देने का नोटिस दिया है। सीबीआइ ने हरीश रावत को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट मेंजबकि हरक सिंह रावत को उनके डिफेंस कालोनी देहरादून स्थित आवास पर नोटिस थमाया है। इन दोनों नेताओं को सात नवंबर को सैंपल देने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो सीबीआइ जल्द ही इस मामले में द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट व खानपुर के विधायक उमेश शर्मा को भी नोटिस दे सकती है। आपको बता दें कि साल 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में बगावत के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक कथित वीडियो सामने आया थाजिसमें हरीश रावत को सरकार बचाने के लिए विधायकों से मोलभाव करते हुए दिखाया गया था। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने विपक्ष के नेताओं का उत्पीडन शुरू कर दिया है

 

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में जांच की आंच और सीबीआई पर सियासी बवाल देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेसी सरकार से उद्यान विभाग में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेसियों ने स्टिंग प्रकरण मामले की सीबीआई जांच के बाद हो रही कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं….देखना होगा क्या राज्य सरकार कोर्ट के आदेश का अनुपालन करेगी….क्या स्टिंग प्रकरण मामले में हरीश-हरक की मुश्किलें बढ़ने वाली है

 

 

About Post Author