एक साल पूरा, न्याय रहा अधूरा !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को आज एक साल पूरा हो गया है। इस मर्डर केस की गूंज पूरे उत्तराखंड में सुनाई दी थी। 19 साल की अंकिता भंडारी के साथ ठीक एक साल पहले युवकों की हैवानियत की कहानी ने लोगों को हिलाकर रख दिया था। आपको बता दें कि अंकिता भंडारी एक रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। और उसकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि उस पर रिजॉट में आने वाले VIP गेस्ट को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया गया था। हालांकि अंकिता ने इस दबाव को स्वीकार नहीं किया और उसने इससे साफ इंकार कर दिया था….इसके बाद 8 सितंबर 2022 से अंकिता लापता हो गई थी। लेकिन 18 सितंबर 2022 को नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी थी। और 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला नहर से मिला था। वहीं इस मामले में भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी थी…..वहीं पुलिस ने इस मामले में इन तीनों को ही गिरफ्तार किया हुआ है….वहीं अंकिता हत्याकांड को एक वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के नाम पर डोभ(श्रीकोट) स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम रखने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बेटी अंकिता के परिजनों के साथ खड़ी है। प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है….हालांकि इसके बाद भी कई सवाल सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। अंकिता के परिजनों ने दोषियों को फांसी की सजा दिलाने, वीआईपी का नाम उजागर करने समेत तमाम मांगे सरकार से की हैं….वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर एक बार फिर सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। सवाल ये है कि क्या कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी कर देने के अंकिता को न्याय मिल जाएगा

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को आज एक साल पूरा हो गया है। इस मर्डर केस की गूंज पूरे उत्तराखंड में सुनाई दी थी। 19 साल की अंकिता भंडारी के साथ ठीक एक साल पहले युवकों की हैवानियत की कहानी ने लोगों को हिलाकर रख दिया था। आपको बता दें कि अंकिता भंडारी एक रिजॉर्ट मे रिसेप्शनिस्ट थी। और उसकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि उस पर रिजॉट में आने वाले VIP गेस्ट को स्पेशल सर्विस देने का दबाव बनाया गया था। हांलाकि अंकिता ने इस दबाव को स्वीकार नहीं किया और उसने इससे साफ इंकार कर दिया था….इसके बाद 8 सितंबर 2022 से अंकिता लापता हो गई थी। लेकिन 18 सितंबर 2022 को नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी थी। और 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला नहर से मिला था। वहीं इस मामले में भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी थी…..वहीं पुलिस ने इस मामले में इन तीनों को ही गिरफ्तार किया हुआ है….हांलाकि
अंकिता के परिजन और तमाम संगठन से जुडे लोग सरकार से अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने, वीआईपी का नाम उजागर कराने अंकिता भंडारी के भाई को सरकारी नौकरी समेत तमाम मांग सरकार से की है…वहीं अंकिता हत्याकांड को एक वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के नाम पर डोभ(श्रीकोट) स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज का नाम रखने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बेटी अंकिता के परिजनों के साथ खड़ी है। प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है….वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर एक बार फिर सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। विपक्ष का कहना है कि कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर कर देने से अंकिता को न्याय नहीं मिलेगा…

कुल मिलाकर अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को आज एक साल पूरा हो गया है लेकिन अभी भी अंकिता को न्याय ना मिलना बेहद चिंता की बात है…हांलाकि मुख्यमंत्री ने परिजनों को आश्वस्त तो किया है कि राज्य सरकार बेटी अंकिता के परिजनों के साथ खड़ी है। प्रदेश की हर बेटी का सम्मान और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है देखना होगा कबतक अंकिता को न्याय मिल पाता है

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