देहरादून, सूचना का अधिकार आम आदमी का अधिकार है। इस अधिकार के माध्यम से वे किसी भी सरकारी विभाग से सूचना मांग सकता है। सूचना का अधिकार को इसलिए लाया गया जिससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आये साथ ही आम आदमी इस अधिकार का इस्तेमाल करके सरकारी विभागों से सूचना को प्राप्त कर सके। लेकिन अक्सर देखने में आता है कि सूचना के नाम पर सरकारी अफसर केवल टालबराई करते रहते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ दून के रहने वाले दिनेश जोशी के साथ, दरअसल दिनेश जोशी ने अलग अलग बिंदुओं पर एमडीडीए से सितम्बर 2021 को सूचना के अधिकार के माध्यम से सूचना मांगी थी। सूचना प्राप्ति का यह पत्र लोक सूचनाधिकारियों की एक टेबल से दूसरी टेबल तक घूमता रहा। लेकिन सूचना देने के बजाय इसको टाला गया। जिसके बाद मामला राज्य सूचना आयुक्त के पास सुनवाई के लिए आया। सूूचना आयुक्त ने इस मामले पर सुनवायी करते हुए पाया कि एमडीडीए में अटपटे ढंग से लोक सूचनाधिकारियों की कतार खड़ी करी है। एमडीडीए के इस रवैये से तो लगता है कि सूचना देने से बचना चाहता है इसलिए जानबूझकर ऐसा किया गया है। इसपर राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट छः लोक सूचनाधिकारियों पर दस हजार से लेकर तीन हजार का जुर्माना लगाया साथ ही सूचना मांगने की तिथि से अब तक जितने भी लोकसूचनाधिकारी रहे सभी अभियंताओं, कार्मिकों को नोटिस भेजकर तलब किया गया।
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