नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी को बर्खास्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। वही कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकार पंचायती राज नियमावली का ठीक से पालन करें ।
आपको बता दें कि वैकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई की। तो वहीं भंडारी के वकील ने अदालत को बताया था की रजनी भंडारी को उनके पद से हटाने के लिए सरकार की तरफ से पंचायती राज अधिनियमो का ठीक से पालन नहीं किया गया था।
मामले के अनुसार पूर्व ब्लाक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट ने चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के उपर वर्ष 2012-13 में जिले में ही आयोजित हुई नंदा देवी राजजात यात्रा में यात्रा मार्ग में किये गये कार्यां में गडबडी का आरोप लगाया था। तो वही राज्य सरकार की ओर से मामले की जांच करते हुए बीती 25 जनवरी को भण्डारी को उनके पद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ रजनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की। रजनी भंण्डारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवत्त कामात ने मामले की पैरवी की। कामात ने अदालत को बताया की रजनी को उनके पद से हटाने से पहले सरकार की ओर से पंचायत राज अधिनियमो के प्रावधानों पालन नहीं किया गया है। तो वही शिकायत की जांच में भी पंचायती राज नियमावली का उल्लंघन किया गया है। याचिकाकर्ता रजनी भंडारी की ओर से कहा गया है कि वह एक निर्वाचित पदाधिकारी है। और राजनीतिक विद्वेष के चलते उन्हे जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटाया गया है।