देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण के 22 साल पूरे हो चुके है। लेकिन प्रदेश की ऐसी दुर्दशा है कि राज्य आज भी अपनी दो राजधानियों के बीच अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा हैै।22 साल के बाद भी आज तक राज्य को उसकी स्थाई राजधानी नहीं मिली है। राज्य कभी ग्रीमकालीन राजधानी गैरसैंण तो कभी शीतकालीन राजधानी देहरादून के बीच अपनी अदमरी व्यवस्थाओ को लिए झूल रहा है।
राज्य निमार्ण के इतने लंबे समय बीत जाने के बाद भी प्रदेश में रही कोई भी सरकार राजधानी के मुद्दे पर बस अपनी राजनीतिक रोटियो को सेकने के अलावा और कुछ नही किया हैं।2017 और 2022 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी केा प्रदेश की जनता ने पूरा जन सहयोग देकर राज्य की सत्ता पर बैठाया। राज्य के आम जनमानस को भाजपा से कई उम्मीदें थी कि पूर्ण बहुमत वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार राज्य को उसकी स्थाई राजधानी प्रदान करेगी।
किन्तु ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के 2 साल बाद अब भाजपा गैरसैंण में बजट सत्र का आयोजन करने जा रही है। तो वही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने अपने अल्मोड़ा दौरे में कहा है कि हमारी सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया। और हमारी सरकार ही इसे राज्य की स्थाई राजधानी भी बनाएगी। और इस दशा में सरकार धीरे धीरे आगे भी बढ़ रही है।
खंडूड़ी ने कहा कि गैरसैण में सत्र को लेकर विधान सचिवालय पुरी तरह तैयार हैं उधर विस में हुई नियुक्तियों को लेकर अध्यक्ष का कहना है कि इसके लिए कोटिया समिति की रिपोर्ट पढ़ी जानी चाहिए। और जिसे भी इस रिपोर्ट का अध्ययन करना है वो विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध है।