उत्तराखण्ड: रूड़की में अवैध तरीके के संचालित एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गयी। हादसा इतना भयानक था कि करीब आधे धंण्टे तक फैक्ट्री में पटाखों के फटने की आवाज आती रही कानूनगोयन मोहल्ले में घनी आबादी के बीच बनी पटाखों की फैक्ट्री पर जिस वक्त आग लगी उस समय वहां ग्राहक भी मौजूद थे। भीषण आग ने ग्राहकों समेंत फैक्ट्री कर्मचारियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। जिससे चार लोगों की आग में झुलसने से मौत हो गयी और तीन बुरी तरह से झुलस गये। फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच गयी बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। फैक्ट्री के भीतर से शवों को बाहर निकाल लिया गया और घायलों को देहरादून स्थित कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
ग्राहकों को पटाखा जलाकर दिखा रहा था आयुष
बताया गया कि पटाखा फैक्ट्री में पटाखा खरीदने आये ग्राहकों को सैंपल को दिखाने के लिए फैक्ट्री संचालक आलोक जिंदल के भतीजे आयुष ने उन्हे पटाखा जलाकर दिखाया। जिससे पटाखे की चिंगारी से गोदाम में रखे पटाखों ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते पटाखों के धमाके पर धमाके होने लगे और फैक्ट्री में भीषण आग लग गयी। भीषण आग की चपेट में आकर दो ग्राहकों और दो फैक्ट्री कर्मचारीयों की मौके पर ही मौत हो गयी। साथ ही फैक्ट्री संचालक का भतीजा आयुष और ग्राहक नीरज और एक अन्य रिक्सा संचालक सूरज शामिल है। घनी आबादी में अवैध फैक्ट्री का संचालन करने और हादसे के कारण सिविल लाइन कोतवाली के वरिष्ट उपनिरीक्षक नरेश गंगवार ने फैक्ट्री संचालक आलोक जिंदल और भतीजे पर विस्फोटक अधिनियम और गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।