उत्तराखंड| चारधाम यात्रा मार्ग को देश का पहला इलेक्ट्रिक कॉरिडोर बनाने का सपना अब टूट गया है। यात्रा पर इलेक्ट्रिक वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं को अब चार्जिंग की सुविधा नहीं मिल पाएगी। यात्रा शुरू होने से पहले चारधाम यात्रा मार्ग पर 35 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनने की संभावना नहीं है। परिवहन विभाग की तरफ से 35 ई-चार्जिंग स्टेशन की डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए भारी उद्योग मंत्रालय को भेजा दिया गया है। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग सुविधा देने के लिए सरकार की नई ई-गलियारा बनाने की योजना है। पहले चरण में चारधाम यात्रा मार्गों पर 35 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए सर्वे भी किया गया था। इसकी डीपीआर तैयार कर के परिवहन विभाग ने भारी उद्योग मंत्रालय को भी भेजी दी है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के साथ मुलाकात की थी और प्रदेश में ई-चार्जिंग स्टेशन जल्द बनाने का अनुरोध भी किया था। सूत्रों के मुताबिक, भारी उद्योग मंत्रालय से अनुमति मिलने में अभी समय लगने वाला है , जिससे चारधाम यात्रा शुरू होने से ई-चार्जिंग स्टेशन बनने संभव नहीं है। अगर मंत्रालय की तरफ से अब अनुमति मिल भी जाती है तो कार्यदायी संस्था का चयन करने और स्टेशन बनाने में काफी समय लगेगा। 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है जिसमें ई- चार्जिंग की सुविधा नहीं मिल पाएगी।
20 से 25 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया
चारधाम यात्रा मार्ग 950 किमी की है। ई-गलियारा योजना के तहत हर 30 किमी पर एक ई-चार्जिंग स्टेशन बनाया जाना वाला है। पहले चरण में 35 चार्जिंग स्टेशन के लिए 20 से 25 करोड़ रुपये का केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। दूसरे चरण में मैदानी क्षेत्रों और तीसरे में बाकी पर्वतीय क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना बनाई गई है। चार्जिंग स्टेशन के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस, लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस और परिवहन निगम के बस अड्डे की जगह को चुना गया था वहां पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनने थे।