डीएम ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण

जोशीमठ, चमोली जनपद के जोशीमठ में हाल ही के दिनों में भू धसाव और भवनों में दरारो के आने से जो कोहराम मचा वो हम सभी ने देखा इस आपदा के बीच सबसे बडी समस्या पीड़ितों के पुनर्वास की बनी हुई है।राज्य सरकार के साथ ही जिला शासन और प्रशासन भी लगातार विस्थापन के कार्य को युद्ध स्तर पर करने में लगा हुआ है। जिला अधिकारी हिमांश खुराना ने भू धसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु प्री फेब्रिकेटेड भवनों के निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
जिलाधिकारी ने मंगलवार को जोशीमठ में भू धसाव से परिवारों हेतु उधान विभाग की भूमि और ढाक में संचालित प्री फेब्रिकेटेड भवन निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होने कार्यदायी स्ंास्थ को निर्देशित करते हुए कहा की निर्माण कार्यों को शीघ्र ही पूरा किया जाए। निमार्ण कार्य से संबंधित कोई भी आवश्यक हो तो उस पर तत्काल संज्ञान लिया जाए।
आपदा  से प्रभावित लोगों के लिए ढाक में केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की  की सहायता से कार्यदायी संस्था आरडब्लूडी के माध्यम से प्रीफ्र्रेब्रिकेटेड भवन बनाए जा रहे है। ढाक में सभी आवासीय व्यवस्था जुटाई जा रही हैं। तो वही विद्युत लाइन बिछाने के कार्य को पूरा कर लिया गया है। जल्द ही प्री फैब कॉलोनी बनकर तैयार हो जाएगी।
टीसीपी तिराहा के पास उघान विभाग की भूमि पर प्री फैब निमार्ण कार्य अपने अंतिम चरण में है। यहां पर 1 बीएचके तैयार हो गये है। जबकी 2 और 3 बीएचके भवनो के निमार्ण कार्य अपने अंतिम चरण में है। जिलाधिकारी द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र के गांधीनगर व सिंगधार वार्ड में विभिन्न आवासीय भवनों में दरारो की स्थिति और जेपी परिसर मारवाड़ी में हो रहे पानी के रीसाव का स्थलीय निरीक्षण किया।

शासन द्वारा आवासीय भवनों में दरारो के आकलन हेतु के्रकेमीटर लगाए है। वही जेपी परिसर में पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटाकर 16 एलपीएम हो रहा है। जोकि पूर्व की तरह सामान्य हो गया है।

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