जोशीमठ| जोशीमठ में रोज आए दिन जमीन धंसने और मकानों की दीवारों पर दरारें आने के बाद अब जोशीमठ बद्रीनाथ हाईवे पर भी नई दरारें देखी गई है। हाईवे के कम से कम पाँच स्थानों पर यह दरारें देखी गई है और यह दरारें देखने के बाद बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने इसकी सूचना दी है। जहां-जहां दरारें 2023-02-21 देखी है उन जगहों पर (BRO) टीम ने रेगुलर मेंटेनेंस का काम कर दिया है। अब केवल जोशीमठ में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में दरारों के काफी ले सामने आ चुके हैं और इसकी शुरुआत जोशीमठ से ही हुई है और जिसके बाद कर्णप्रयाग में भी इस तरह की बहुत सी दरारें देखी गई। अभी तो बद्रीनाथ हाईवे के पास स्थित ITI माम क्षेत्र के बहुगुणा नगर और सब्जी मंडी के ऊपरी हिस्सों में भी दरारें देखी गई है। जिसके बाद वहां टीम निरीक्षण करने के लिए गई और उन्होंने देखा की 25 घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आई हुई है जिसमें से आठ घरों को बेहद खतरनाक घोषित कर दिया गया है, जिसमें रह रहे लोगों से घर खाली करवा लिया गया है। कुछ समय पहले कर्णप्रयाग में मरोडा गांव में काफी मकानों में भी दरारे देखी गई है और घरों में इस तरह की दरारे पड़ गई है जैसे की उन घरों पर बिजली गिर गई हो और साथ घरों को नीव भी खिसक रही है। जमीन खिसकने के बाद सरकार वहां के लोगों के लिए सेटमेंट प्लान लेकर आई थी। जिसके तहत लोगों को तीन ऑप्शन भी दिए गए है। प्लान यह था कि किसी भी विकल्प को अपनाने और सरकारी योजना का लाभ देने लेने के लिए लोगों को अपने घर की रजिस्ट्री सरकार के नाम पर करनी होगी। चमोली के जिला अधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में लोगों के लिए जो तीन विकल्प दिए थे उसमे से पहला विकल्प यह था की की भूमि या भवन के मालिकों को एकमुश्त वित्तीय सहायता देने का है। मकान या भूमि को हानि होने पर तय दंड के अनुसार एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन इसका लाभ के लिए व्यक्ति को अपनी जमीन सरकार के नाम करनी होगी। दूसरे विकल्प के अनुसार व्यक्ति को 100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक की जमीन उन लोगों को घर बनाने के लिए दी जाएगी और घर को जो भी नुकसान होगा उसका मुआवजा अलग से दिया जाएगा। जिन लोगों की जमीन 100 वर्ग मीटर से अधिक है तो उनको शेष भूमि के बदले भुगतान नियमों के अनुसार किया जाएगा। इसमें भी रजिस्ट्री पहले सरकार के नाम करनी होगी। तीसरे विकल्प के अनुसार प्रभावितों के रहने के लिए चिन्हित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल तक की भूमि पर भवन का निर्माण किया जाएगा और साथ ही अगर प्रभावित व्यक्ति के घर या जमीन की कीमत दी जाने वाली से जमीन या मकान की कीमत से अधिक है तो बाकी पैसों का भुगतान भी किया जाएगा।