धर्म की नगरी और हरी का द्वार यानि हरिद्वार का हाल इन दिनों कूड़ा नगरी के समान हो रखा है कारण है कांवड़ यात्रा का पर्व जो सफलता पूर्वक पूरा तो हो गया लेकिन जिस स्थल को भक्तों द्वारा पूजा गया उसे ही भक्तों ने जाते जाते प्रदूषित कर डाला
कांवड़ मेला तो संपन्न हो गया लेकिन धर्मनगरी में पहुंचे करोड़ों कांवड़िए हजारों टन गंदगी छोड़ गए शहर से सामान्य दिनों में रोजाना 150 से 200 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है जबकि स्नान पर्व पर एक दिन में 400 मीट्रिक टन तक कूड़ा निकलता है घाट का दुर्गंध से बुरा हाल है
अब कांवड़ मेले में कांवड़ियों का हुजूम उमड़ने के बाद गंगा घाट और तमाम जगहों पर गंदगी फैल गई जिसे साफ करने के लिए अब हरकी पैड़ी और गंगा घाटों के अलावा मेला क्षेत्र से कूड़ा सफाई अभियान शुरू हो गया है बुधवार को हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों से करीब 500 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र कर उठाया गया इनमें प्लास्टिक की पन्नी, खाली बोतलें और पुराने कपड़े-चप्पल शामिल थे घाटों के बाद अब मेला क्षेत्र में अभियान चलाया जाएगा
गंगा घाटों के साथ ही तमाम क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े और प्लास्टिक की पन्नी के ढेर लगे हैं रोड़ीबेलवाला, पंतद्वीप और गंगा किनारे गंदगी फैली है
संक्रामक बीमारियों के फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है प्रशासन के दावे के मुताबिक, कांवड़ मेले में करीब तीन करोड़ से अधिक कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे हैं कांवड़ियों के सैलाब की तुलना में शौचालय जैसी सुविधा नहीं थी जिससे कांवड़िए रोड़ीबेलवाला, उत्तरी हरिद्वार, पंतद्वीप पार्किंग और बैरागी कैंप समेत गंगा किनारे गंदगी कर रहे थे हर तरफ गंदगी के अलावा कूड़े और प्लास्टिक के ढेर लगे हैं गंगा घाट भी कूड़े से भरे हैं