उत्तराखंड में नेशनल हेल्थ मिशन (National Health Mission in Uttarakhand) के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र से बड़े बजट की डिमांड की जा रही है
माना जा रहा है कि इस हफ्ते राज्य को केंद्र से यह बड़ी सौगात मिल सकती है उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की कवायद जारी है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए केंद्र से जल्द ही बड़े बजट की सौगात मिल सकती है राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए पहली बार राज्य ने दो सालों के लिए केंद्रीय बजट दिए जाने का प्रस्ताव भेजा है. साल 2022–23 के लिए 1000 करोड़ और 2023–24 के लिए 900 करोड़ का बजट राज्य सरकार ने केंद्र से मांगा है. जिस पर केंद्र ने सहमति व्यक्त भी कर दी है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के एमडी आर राजेश कुमार ने इस संबंध में बताया कि हर साल मिलने वाले केंद्रीय बजट से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है. वर्तमान में 2 साल के लिए बजट मांगा गया है. जिस पर केंद्र ने सहमति व्यक्त करते हुए बजट उपलब्ध करवाने की संस्तुति (Uttarakhand Health Budget) भी दे दी है. जिसके बाद जल्द ही राज्य को बजट की राशि प्राप्त हो जाएगी. इस बजट से स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जा सकेगा.
इसके साथ ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 80% हिस्सेदारी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की है. इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से देहरादून काफी हद तक निजी स्वास्थ्य संस्थानों पर निर्भर है. आसान शब्दों में कहें तो पिछले 22 सालों में उत्तराखंड स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना भी विकास कर पाया, उसमें अधिकतर सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं देहरादून में ही खड़ी की गई हैं. बड़ी बात यह भी है कि देहरादून के शहरी क्षेत्र को छोड़कर बाकी इलाकों में हालात कुछ खास ठीक नहीं दिखते. बस गनीमत यह है कि निजी क्षेत्रों ने मोर्चा संभाल कर देहरादून वासियों की तबीयत को नासाज होने से बचाया हुआ है.