उत्तराखंड- देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य में राहुल गांधी को मंदिर में रोके जाने की घटना पर सियासत गरमा गई है। दअरसल, कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में मणिपुर से आर्थिक राजधानी मुंबई तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा अब असम पहुंच चुकी है। बीते सोमवार को राहुल गांधी भगवान राम के दर्शन के लिए एक मंदिर में पहुंचे थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें मंदिर में जाने की इजाजत नहीं दी। जिसके बाद देशभर में सियासत गर्मा गई है।
उत्तराखंड में आक्रोशित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदेशभर में बीजेपी का पुतला दहन किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अनुमति लेने के बावजूद राहुल गांधी को दर्शन से रोका जाता है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमला किया और फिर राहुल गांधी को मंदिर में दर्शन के लिए रोका जो कि तानाशाही है और देश को भाजपा अराजकता की ओर ले गई है। वहीं एक तरफ जहां राहुल गांधी को मंदिर में रोके जाने पर सियासत गर्मा रही है। तो दूसरी ओर भाजपा ने प्रदेशभर में रामलला दर्शन के लिए दर्शन अभियान चलाने का फैसला लिया है। इसके तहत भाजपा 25 जनवरी से अभियान की शुरूआत करने जा रही है। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए राम के नाम का सहारा ले रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले देश में धार्मिक मुद्दे पर राजनीति गरमाती जा रही है। तमाम विरोध के बीच अयोध्या में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसी दौरान असम में राहुल गांधी के साथ विवाद हो गया। दअरसल, असम में राहुल गांधी भगवान राम के दर्शन के लिए एक मंदिर में पहुंचे थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें मंदिर में जाने की इजाजत नहीं दी। जिसके बाद देशभर में सियासत गरमा गई है। उत्तराखंड में आक्रोशित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदेशभर में बीजेपी का पुतला दहन किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अनुमति लेने के बावजूद राहुल गांधी को दर्शन से रोका जाता है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमला किया और फिर राहुल गांधी को मंदिर में दर्शन के लिए रोका जाना भाजपा की तानाशाही है। वहीं भाजपा सुरक्षा कारणों को इसके पीछे वजह बता रही है।
एक तरफ जहां राहुल गांधी को मंदिर में रोके जाने पर सियासत गर्मा रही है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने प्रदेशभर में रामलला दर्शन के लिए दर्शन अभियान चलाने का फैसला लिया है। इसके तहत भाजपा 25 जनवरी से अभियान की शुरूआत करने जा रही है। भाजपा ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के जरिए समाज के हर वर्ग तक पहुंचने का प्रयास किया। इसी क्रम में पार्टी आगे के कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने में जुटते हुए राम मंदिर दर्शन अभियान शुरू करने जा रही है। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए राम के नाम का सहारा ले रही है और असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
कुल मिलाकर देशभर में लोकसभा चुनाव से पहले धार्मिक मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। पहले तमाम विरोध के बीच अयोध्या में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद अब नया विवाद राहुल गांधी को मंदिर में दर्शन के लिए रोके जाने पर शुरू हो गया है। सवाल ये है कि आखिर क्यों राहुल गांधी को मंदिर में दर्शन नहीं करने दिए गए। क्या भाजपा अपनी राजनीति के लिए राम के नाम का सहारा ले रही है?
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