KNEWS DESK- उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की मतगणना जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे युवा और शिक्षित चेहरों की जीत सामने आ रही है। पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक के कुई गांव से एक प्रेरणादायक जीत सामने आई है, जहां 22 वर्षीय बीटेक ग्रेजुएट साक्षी ग्राम प्रधान चुनी गई हैं।
साक्षी ने देहरादून से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद अपने गांव लौटने का फैसला किया और ग्रामीण विकास में योगदान देने की ठानी। उन्होंने कहा कि वे अपने तकनीकी अनुभव का उपयोग कर गांव में स्मार्ट फैसले, पारदर्शिता और योजनागत विकास को प्राथमिकता देंगी। उनकी जीत ने युवाओं और खासकर लड़कियों को राजनीति में भागीदारी की नई प्रेरणा दी है।
कीर्तिनगर में दूसरे चरण की मतगणना में निम्न ग्राम पंचायतों से प्रधान चुने गए:
- जियालगढ़ – दिनेश कुमार
- सरोला – मकानी देवी
- मलेथा – रश्मि रावत
- भैंसवाड़ा – ममता देवी
- घिड़ियाल गांव – मंजू देवी
- रनकंडियाल – आशीष कुमार
पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण के बेटे अरविन्द सिंह सजवाण ने छड़ियारा (देवप्रयाग) क्षेत्र पंचायत सीट से जीत दर्ज की है। यह जीत राजनीतिक दृष्टि से खास मानी जा रही है।
रुद्रप्रयाग जिले की ग्राम पंचायत घिमतोली से प्रत्याशी और यूट्यूबर दीपा नेगी को कविता देवी ने पराजित किया। सोशल मीडिया पर सक्रिय दीपा नेगी की हार के बाद इलाके में काफी चर्चा हुई।
क्षेत्र पंचायत वार्ड खरसांई (कर्णप्रयाग) से राकेश मोहन राणा को 231 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी लक्ष्मण सिंह राणा को 137 मत प्राप्त हुए। लेकिन मतगणना कर्मियों की गलती से शुरुआती घोषणा में लक्ष्मण सिंह राणा को विजेता घोषित कर दिया गया।
बाद में जब दोनों प्रत्याशियों को बुलाया गया और पुनर्मतगणना कराई गई, तब राकेश मोहन राणा को सही विजेता घोषित किया गया। जोनल मजिस्ट्रेट एस. एस. बांगड़ और आरओ प्रमोद गंगाड़ी ने इस प्रक्रिया की पुष्टि की। लक्ष्मण राणा ने इस लापरवाही से मानसिक आघात की बात कही है।