KNEWS DESK- आजकल बच्चों का फोन में गेम खेलना आम बात है| अक्सर जब बच्चे रोने लगते है तो मां- बाप खुद उन्हें चुप कराने के लिए फोन में गेम खेलने के लिए दे देते हैं| ये बहुत ही आम बात है| गेमिंग एप में बिछाया धर्मांतरण का जाल| अब आप कहेंगे कि क्या है मामला चलिए आपको बताते हैं
यूपी के गाजियाबाद में धर्मांतरण मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धर्मांतरण मामले के आरोपी शाहनवाज उप्फ बद्दो की एक नई गेमिंग एप का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि इस एप के जरिए वो नाबालिगों को खेलने के लिए उकसाता था. सूत्रों के अनुसार, गाजियाबाद पुलिस इसकी डिटेल निकालने में जुटी है….सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस एप का नाम Valorant गेमिंग एप है, जो दुनिया में सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेमों में से एक माना जाता है. ये भी epic स्टोर से लिया जा सकता है जिसकी सारी जानकारी बद्दो ने नाबालिगों को कम्युनिटी के जरिए जोड़कर बनाई थी|
गेमिंग एप में बिछाया धर्मांतरण का जाल
पुलिस सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, धर्म परिवर्तन से जुड़े मामले का पीड़ित फोर्टनाइट के साथ-साथ एक और मल्टी प्लेयर गेम खेलते थे, जिसे “वेलोरेंट” के नाम से जाना जाता है. ये भी एक मल्टीप्लेयर गेम है. बताया जा रहा है कि आरोपी बद्दो उन बच्चों को चुनता था, जो ऑनलाइन गेम खेलने और उनसे बातचीत के जरिए काफी समय बिताते थे| सूत्रों के मुताबिक, बद्दो जिस गेमिंग एप fort nite का इस्तेमाल कर रहा था, उसका सर्वर दुबई में होने का अंदेशा है. सूत्रों के मुताबिक दुबई के कनेक्शन के सर्वर अलग अलग होते हैं. इस सर्वर के जरिए मिडिल ईस्ट के देशों के कई लड़के जुड़े होने का अंदेशा है. पुलिस जब जांच में जुटी तो फोर्टनाइट का सर्वर दुबई से कनेक्टेड पाया गया|
धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने की जांच
बताया जा रहा है कि गाजियाबाद पुलिस अब इस नए गेमिंग एप का वो रिकॉर्ड खंगाल रही है, जिससे पता चले कि आरोपी बद्दो ने इसके जरिए कितने लोगों को देश और विदेश में धर्मांतरण के लिए उकसाया था|