रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा पर रामलला को समर्पित होगा 551 पान का भोग

रिपोर्ट- आर पी सिंह

उत्तर प्रदेश –रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हो जाएंगे| जहां राम मंदिर ट्रस्ट प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी कर है तो वहीं प्रभु राम की सेवा आराधना में कई पीढ़ी से सेवा करने वाले सेवादार भी प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी कर रहे हैं| जैसे-जैसे प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है| वैसे-वैसे कई पीढ़ी से रामलला की सेवा करने वाले सेवादार भी भगवान के विराजमान होने को लेकर उत्साहित हैं|

तीन पीढ़ी बना रही है रामलला के लिए मीठे पान का भोग

रामलला को प्रतिदिन चौरसिया पान भंडार की दुकान से मीठे पान का भोग लगाया जाता है और यह पान भी ऐसा वैसा पान नहीं रहता है| लगभग 60 वर्षों से रामलला को भोग में पान देने वाले चौरसिया पान भंडार रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में 51 जोड़े पान का भोग लगाएंगे| उनका यह संकल्प था कि जब प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हो जाएंगे तो एक साथ 51 जोड़े पान का भोग प्राण प्रतिष्ठा के दिन लगाएंगे| चौरसिया पान भंडार के प्रोपराइटर दीपक चौरसिया बताते हैं कि हमारी तीन पीढ़ी रामलला के लिए पान लगा रही है| सुबह प्रतिदिन 5 बजे प्रतिदिन पान में चूना, कत्था, गुलकंद, केसर, गरी, इलायची, ग्रीन सौंफ, मीठी सौंफ युक्त 10 जोड़ी पान रामलला के मंदिर में पहुंचकर अपनी दिनचर्या की शुरुआत करते 60 वर्षों से रामलला के लिए स्पेशल पान बना रहें हैं|

551 बीड़ा पान बनाने का मिला ऑर्डर

प्रभु राम का पान लगाने वाले विनय चौरसिया बताते हैं कि पान की दुकान हमारे पिताजी पहले करते थे लेकिन अब हम लोग करते हैं| पहले हमारी दुकान राम जन्म भूमि मानस भवन के पास थी तो वहां से भी रामलला के लिए प्रतिदिन पान जाता था| भोग लगाने के लिए लगभग 60 वर्षों से यह प्रक्रिया प्रतिदिन चल रही है| सुबह रामलला के लिए हम लोग लगभग 10 जोड़ी पान का बीड़ा भोग लगाने के लिए मंदिर में पहुंचा दे देते हैं| लेकिन अब 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होने जा रहे हैं तो हम लोगों को 551 बीड़ा पान बनाने का ऑर्डर भी दिया गया है| ट्रस्ट द्वारा जो भी शुल्क हम लोगों को पान के बदले में दिया जाता है वह सेवा के रूप में दिया जाता है लेकिन हम लोग जो सेवा रामलला की करते हैं उससे बढ़कर कुछ नहीं है और इन दिनों लगभग 40 जोड़े पान रामलला को भोग लगाया जाता है|

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