14 साल की मासूम से दुष्कर्म फिर हथौड़े से सिर तोड़ा, मौत के बाद फंदे से लटका कर हत्यारा भाग निकला
पुलिस ने भी बाप को खूब रुलाया, हत्या करने वाला था नाबालिक
26 घंटे बाद पोस्टमार्टम, एक हत्या को 24 घंटे टीवी ने दिखाया एक को 5 मिनट भी नहीं
क्योंकि बिटिया गरीब थी, तो उसकी मौत की खबर सारा दिन बीतने के बाद दूसरे दिन अखबार में आई
पुलिस ने भी बिटिया के बाप को खूब रुलाया
KNEWS DESK– क्योंकि बिटिया गरीब थी, तो उसकी मौत की खबर दिनभर टीवी पर नहीं बल्कि सारा दिन बीतने के बाद दूसरे दिन अखबार में आई| पुलिस ने भी बिटिया के बाप को खूब रुलाया, फिर रिपोर्ट लिखी, इस हत्या के लगभाग 2 घंटे बाद कोर्ट रूम में जज साहब के सामने वही लगभग दोपहर के 3:30 से 4:00 के बीच का टाइम रहा होगा, कुख्यात अपराधी संजीव उर्फ जीवा की पुलिस अभिरक्षा में ताबड़तोड़ छह गोली मारकर एक युवक ने हत्या की, जान बचाने के लिए जज साहब को भी टेबल के नीचे छिपना पड़ा, पुलिस ने बहादुरी दिखाई और सुरक्षा में लगे पुलिस वालों ने अपराधी की हत्या करने वाले एक अकेले हत्यारे को वकीलों की मदद से दबोच लिया| अधिकतर चैनल, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान के साथ अखिलेश यादव की चल रही खबर को स्क्रीन से हटाते अपराधी के छह गोली मारी गई थी और नाबालिक बिटिया के सिर को हथौड़े से तोड़कर हत्या की गई थी फर्क बस इतना है कि एक हत्या जज साहब और पुलिस वकील की मौजूदगी में हुई थी और दूसरी बंद कमरे में|
गरीब बिटिया के रिश्तेदार बताते हैं
मां घर लौटी तो शाहिद, उसको जाते हुए दिखाई दिया, अंदर पहुंची तो बेटी का शरीर पंखे से झूल रहा था, बेहद गरीब परिवार अपनी बेटी की हत्या की रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचा तो पुलिस ने की लापरवाही| बेटी के शव को पोस्टमार्टम के लिए तो भेजा क्योंकि परिवार गरीब था इसीलिए किसी ने इस हत्या की खबर को महत्त्वपूर्ण नहीं समझा और ना दिखाया| चैनलों के लिए यह खबर महत्वपूर्ण नहीं थी, क्योंकि किसी कुख्यात अपराधी की हत्या नहीं हुई क्योंकि बिटिया दलित थी, रसूखदार परिवार की नहीं थी| पुलिस के लिए सामान्य घटना थी| कल दोपहर से आज सुबह तक जीवा की खबर, सुबह लगभग 10:00 बजे इस खबर का संज्ञान लिया गया तब पुलिस की मोबाइल की घंटियां बजने लगी| पुलिस हरकत में आई और फिर जानकारी दी गई की हत्या आरोपी हिरासत में है लेकिन फिर भी टीवी के लिए यह खबर बहुत महत्वपूर्ण नहीं थी राजधानी में दिनदहाड़े नाबालिक की हत्या, वह भी हत्या करने वाला शाहिद नाम का युवक,लव जिहाद का एंगिल भी टटोला जा रहा है लेकिन बिटिया गरीब है आखिर इतना फर्क क्यों?