मुंबई में लालबागचा राजा की विदाई

शुक्रवार को देशभर में अनंत चतुर्दशी के मौके पर गणपति को विदाई दी गई महाराष्ट्र में बप्पा को विदाई देने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा मुंबई में भी शहर के सबसे प्रसिद्ध लालबागचा राजा की गणेश प्रतिमा की भी शनिवार को गिरगांव चौपाटी में विसर्जित किया गया उन्हें विदाई देने के लिए पूरा शहर सड़कों पर निकल आया मुंबई के लोगों ने नम आंखों से लालबागचा राजा को विदाई दी

महाराष्ट्र में इस पर्व का खास महत्व 
वैसे तो हर राज्य में ये उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इस पर्व का अलग ही महत्व है यहां बप्पा के आने के बाद से ही हर शहर हर घर में खुशी तो होती ही है, साथ ही पूरे राज्य में भारी भीड़ उमड़ती है गणेश जी की बड़ी-बड़ी मूर्तियां विराजमान की जाती हैं जुलूस निकाले जाते हैं ये खुशहाल नजारा बप्पा के विराजमान होने से लेकर विसर्जित होने तक रहता है
 
क्यों किया जाता है गणपति विसर्जन
 ऐसी मान्यता है कि गणेश जी ने लगातार 10 दिनों तक महाभारत की रचना की थी, जिससे उनका शरीर तपने लगा था, तब वेद व्यास जी उनको एक जल स्रोत के पास ले गए और वहां पर उनको जल में स्नान कराया इससे गणेश जी को बहुत आराम मिला उस दिन अनंत चतुर्दशी थी तब से इस तिथि पर गणेश जी का विसर्जन होने लगा धार्मिक मान्यता ये भी है कि विधि पूर्वक उनका विसर्जन करने से साल भर भक्तों के घर में कोई संकट नहीं आता है।

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