UP Politics: “आजम खान के लिए लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस”, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का बड़ा बयान

KNEWS DESK- उत्तरप्रदेश की सियासत पूरे चरम पर है। जब से आजम खान को फर्जी प्रमाण पत्र मामले में सजा सुनाई गई। उसके बाद से समाजवादी पार्टी तो लगातार बीजेपी पर हमलावर थी तो वहीं अब कांग्रेस ने भी आजम खान के समर्थन में बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने आजम खान के समर्थन में लड़ाई लड़ने की बात कही है।

I.N.D.I.A गठबंधन पर संकट के बादल, अजय राय बोले- कांग्रेस मुस्लिमों का  पुराना घर, Azam के लिए लड़ेंगे हर लड़ाई - Ajay Rai said Congress is the old  home of Muslims and

मुस्लिम वोट साधने में जुटी कांग्रेस

सियासी गलियारों में चर्चा है कि आजम खान के जरिए कांग्रेस मुस्लिम वोट साधने में जुटी है। मुस्लिम वोट के लिए उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच लंबे समय से रस्साकशी होती रही है, लेकिन राज्य में फिर से पैर जमाने के लिए मेहनत कर रही कांग्रेस भी अब मुस्लिम मतों की पुरानी उत्तराधिकारी बनकर सामने आ रही है। दरअसल, आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। आजम खान को रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है। इस बार सजा मिलने वाले दिन से ही सपा आजम खान के साथ खड़ी नजर आ रही है और सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस भी खुलकर आजम खान के समर्थन में है।

“आजम खान के लिए लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस”

आजम खान का समर्थन करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बीजेपी सरकार आजम खान पर बदले की भावना से केस करती रही है। कांग्रेस मुस्लिमों का पुराना घर है। भले ही आजम खान सपा के नेता हों, लेकिन कांग्रेस उनके लिए हर लड़ाई लड़ेगी। हम कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े हैं। कांग्रेस नेता ने यहां तक कह दिया कि अगर आजम खान कांग्रेस में होते तो उनके ऊपर इतना जुल्म नहीं होता।

अखिलेश दे रहे इस बार आजम खान का साथ

आजम खान पहले भी जेल जा चुके हैं। तब सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुलकर आजम के साथ खड़े नहीं दिखाई दिए थे। जिसे लेकर आजम खान के समर्थकों के साथ-साथ कांग्रेस ने भी सवाल खड़े किए थे हालांकि इस बार अखिलेश यादव शुरू से ही आजम खान के साथ खड़े हैं और लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं।

इसमें कोई शक नहीं है कि आजम खान सपा के सबसे लोकप्रिय मुस्लिम चेहरा रहे हैं और शायद अभी भी हैं। पूर्व मंत्री आजम खान या उनके परिवार का कोई सदस्य अब केंद्र या प्रदेश के किसी सदन का सदस्य भी नहीं है, लेकिन बावजूद इसके सपा नेता मुस्लिम राजनीति के जोड़तोड़ केंद्र में हैं। यही कारण है कि कांग्रेस आजम खान के जरिए मुस्लिमों को अपने साथ खींचना चाहती है।

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