पीलीभीत टाइगर रिजर्व के 07 सालों में अब तक 44 इंसानों की जान ले चुका बाघ

रिपोर्ट- राहुल शर्मा

उत्तर प्रदेश- पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रदेश का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व होगा, जहां बाघ हमलों में अब तक सात सालों में 44 इंसानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। बीते साल पर गौर करें तो बाघ हमले में साल भर के भीतर सात लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल बाघ हमलों में लोगों की मौतों का सिलसिला अभी भी जारी है, वहीं जिम्मेदार महकमा सुरक्षा को लेकर अपने इंतजामों के पुख्ता होने का हमेशा ही दावा करता रहा है।

जनपद के जंगल को जून 2014 में टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था। टाइगर रिजर्व की घोषणा के बाद बाघ संरक्षण के नाम पर जंगल के किनारे रहने वालों को जो आश्वासन दिए गए थे, वो भी पूरे नहीं किए गए। सिस्टम की इस लापरवाही का खामियाजा जंगल के किनारे रहने वाले ग्रामीणों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ रहा है। वर्ष 2021 और 2022 में मानव-वन्यजीव संघर्ष में भारी कमी आई। इस पर जिम्मेदारों ने यह कहना शुरू कर दिया था कि मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर तमाम प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।

इसी का नतीजा है कि बाघ हमलों में कमी आई है। खास बात यह है कि इन सबके बीच टाइगर रिजर्व प्रशासन बाघों के हमले रोकने के लिए ठोस कदम उठाना ही भूल गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि दो साल रही शांति के बाद बीते साल से बाघ उग्र हो उठे। गुजरे साल पर गौर करें तो नौ जनवरी से लेकर 26 सितंबर के बीच बाघ हमलों में सात ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

टाइगर रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016 से लेकर 2023 तक 44 इंसानों की मौत हो चुकी है। बाघ जंगल के बाहर न निकले, इसको लेकर पीटीआर प्रशासन जंगल सीमा पर लगातार गश्त करने के साथ निगरानी होने का भी दावा कर रहा है, लेकिन जंगल सीमा के आसपास बाघ हमलों में हो रही लोगों की मौत इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है।

बाघ के हमले में अब तक जान गंवा चुके लोगों के नाम –

वर्ष 2016
23 फरवरी- सुपद सरकार- अशोक नगर
03 अक्तूबर – मेघनाथ – नदहा
23 अक्तूबर – बेनीराम- मरौरी
28 अक्तूबर- बाबूराम- पिपरिया
11 दिसंबर -अहमद खा- डगा

वर्ष 2017

16 जनवरी -राजीव- पिपरिया
05 फरवरी – धनीराम- कुंवरपुर
07 फरवरी – नन्हेंलाल- पिपरिया
11 फरवरी – गंगाराम- कलीनगर
16 फरवरी – कलावती- मेवातपुर
05 मार्च -ब्रहमस्वरूप- रम्पुरा
31 मार्च – श्याम बिहारी- जमुनिया
9 मई- ताराचंद्र- अनवरगंज
16 जून- केवल प्रसाद- मरौरी
20 जून – मिही लाल – शिवपुरिया
01 अगस्त- ननकी- सैदुल्लागंज
07 अगस्त- तसलीम- डांग
08 अगस्त -शमशुल- सरैदा
10 अगस्त- कुवंरसैन- बेहरी
18 अगस्त- रामचंद्र- पीलीभीत
01 अक्तूबर – बबलू- खरगापुर
28 दिसंबर – कैलाशो- पिपरिया

वर्ष 2018
16 जनवरी- मथुरा प्रसाद- निजामपुर तह
05 मार्च – गिरजा देवी- चांदूपुर
26 सितंबर -लक्षमण प्रसाद – सिमरिया

वर्ष 2019
11 अप्रैल – हेमंत खैराती – गोयल कॉलोनी

वर्ष 2020
01 फरवरी – फूलचंद – बैजूनगर
05 फरवरी – रुपलाल – विधिनपुर
21 मार्च – रमोनी देवी – माला कॉलोनी
30 मार्च – कृष्णा राय – माला कॉलोनी
03 अप्रैल – निंदर सिंह – रिछौला
03 अप्रैल – डोरीलाल- ढेरम मंडरिया
08 मई – शिवेंदु – गोयल कॉलोनी
06अक्तूबर – सुखवीर सिंह – पिपिरया करम

वर्ष 2021
11 जुलाई – सोनू – दियोरिया
11 जुलाई – कंधई – दियोरिया

वर्ष 2022
08 जनवरी – गोकुल मलिक – टंडोला विजेसी न्यूरिया

वर्ष 2023
09 जनवरी- गोकुल प्रसाद – टांडा बिजैसी
30 मई – अशोक कुमार – अलीगंज
28 जून – लालता प्रसाद – रानीगंज
27 जुलाई – बेबी – सेल्हा गांव माधोटांडा
16 अगस्त – राममूर्ति – रानीगंज माधोटांडा
21 सितंबर – रघुनाथ – माला कॉलोनी गजरौला
26 सितंबर – तोताराम -जमुनिया

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