घोषणाएं हुई हजार, थम गया चुनावी प्रचार !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में निकाय चुनाव प्रचार के चंद घंटों पहले कांग्रेस ने भी अपना 26 बिंदुओं का वचन पत्र जारी कर दिया। देखा जाए तो भाजपा कांग्रेस से पांच दिन पहले ही अपना संकल्प पत्र जारी कर चुकी है और हर नगर निगम के लिए अलग संकल्प पत्र जारी किया है। आज ही चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा और प्रत्याशी घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में जुटने लगेंगे। ऐसे में कांग्रेस के वचन पत्र को लेकर भी भाजपा हमलावर है। भाजपा का मानना है कि कांग्रेस घोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा है इसमें विजन का अभाव है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार खत्म होने के एक दिन ही अपना वचन पत्र मात्र औपचारिक रस्म के तौर पर जारी किया है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में ग्रीन उत्तराखंड की दिशा में काम करने का वादा किया है। 20 जनवरी को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में कांग्रेस ने अपना वचन पत्र जारी किया। राज्य गठन के बाद 2002 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद शहरी बजट को 6 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ से ज्यादा किया गया, लेकिन भाजपा सरकार गरीब लोगों को नागरिक तौर पर हक नहीं देती है। कांग्रेस का आरोप है कि देहरादून स्मार्ट सिटी तो नहीं बनी लेकिन भाजपा के नेता स्मार्ट जरूर बने हैं। वचन पत्र देर से जारी करने के जवाब पर कांग्रेस का कहना है कि भाजपा उनके विजन को चोरी करती रही और अपने घोषणा पत्र में जारी करती है इसलिए कांग्रेस ने इस बार संकल्प पत्र जारी करने में समय लगाया। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस ने वचन पत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छ पानी, सुरक्षा और मलिन बस्ती वासियों को रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस बार निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है। कांग्रेस निकाय चुनाव जीतकर अपने संकल्पों को पूरा करेगी।

उत्तराखंड में निकाय चुनाव में भाजपा ने कई युवा प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि प्रदेश में फिर से ट्रिपल इंजन की सरकार जनता बनाने जा रही है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि हमारा वचन पत्र विकास की गारंटी है। भाजपा के प्रदेश में आठ साल पूरी तरह फेल रहा है। कांग्रेस नेता हरक सिंह के अनुसार वह भी भाजपा सरकार में मंत्री रहे हैं, लेकिन विकास कार्य न होने से उन्होंने पार्टी छोड़ी। भाजपा में मात्र बातें होती है काम नहीं होते। निकाय चुनाव के बीच नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जनता किस पर कितना विश्वास जताएगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

निकाय चुनाव मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है सत्तासीन भाजपा हो विपक्षी दल, सभी अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। कोई चुनावी सभा सभा कर रहा है तो कोई रैली निकाल रहा है। मतदान से चंद घंटों पहले कांग्रेस ने भी अपना वचन पत्र जारी किया है। कांग्रे का मानना है कि भाजपा का घोषणा पत्र भानुमति का पिटारा है तो वहीं भाजपा कांग्रेस के वचन पत्र को झूठ का पुलिंदा बता रही है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि दृष्टि पत्र हमारी सोच को दर्शाता है और प्रदेश की जनता ने इस बार के निकाय चुनाव में कांग्रेस का अवसर देने का मन बना लिया है.बीजेपी पर निशाना साधते हुए हरीश रावत ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर बीजेपी ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन स्मार्ट सिटी के पैसों से बीजेपी स्मार्ट हुई है और देहरादून की हालत बदहाल है. देहरादून को बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस सरकार ने कई अहम काम किये थे, लेकिन बीजेपी सरकार ने उन कामों को आगे नहीं बढ़ाया. प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस ने वचन पत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छ पानी, सुरक्षा और मलिन बस्ती वासियों को रखा गया है. इस बार निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है कांग्रेस निकाय चुनाव जीतकर अपने संकल्पों को पूरा करेगी।

कुछ भी हो आखिरकार दोनों ही बड़ी पार्टियां इस निकाय चुनाव के मुकाबले में मुख्य रूप से आमने-सामने खड़ी है। आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है और प्रचार का शोर सांय 5 बजे बंद हो जाएगा। 23 जनवरी को निकाय चुनाव को लेकर वोटिंग होनी है और 25 जनवरी को चुनाव के परिणाम सामने आ जाएंगे। सत्तारूढ़ दल भाजपा हो या विपक्षी दल सभी चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। उत्तराखंड में करीब एक साल तक निकाय प्रशासकों के हवाले रहे। अब देखना होगा कि 25 जनवरी को किस पार्टी के पक्ष में जनता अपना निर्णय देती है। कांग्रेस ने जहां 26 बिंदुओं का वचन पत्र जारी किया है तो वहीं भाजपा ने सभी 11 नगर निगमों के लिए अलग-अलग संकल्प पत्र जारी किए हैं। देखना होगा कि जनता किस पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में सबसे अधिक मतदान करती है।

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