रिपोर्ट- एकरार खान
गाजीपुर , ख़बर गाजीपुर से है। जहां गांव की अंधेरी गलियों को जगमगाने के उद्देश्य से जिला पंचायत गाजीपुर के द्वारा करीब 1 साल पूर्व 9 करोड़ रुपए की लागत से जनपद के सभी जिला पंचायत सदस्यों के क्षेत्र में आने वाले 5-5 गांव मे 60-60 स्ट्रीट लाइट दिया गया था ताकि लोगों को कहीं भी अंधेरे में आने जाने में दिक्कत ना हो । लेकिन उजाले के लिए दिया गया यह स्ट्रीट लाइट लगने के कुछ दिनों बाद से ही सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा लोगों को दे रहा है और यह मामला के 1-2 गांव का नहीं बल्कि जनपद के उन सभी गांव का है जहां पर जिला पंचायत के द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई गई है इसको लेकर अब प्रशासन की तरफ से जांच भी कराई जा रही है हालांकि इसी जांच के दौरान आनन-फानन में जिला पंचायत के द्वारा उन लाइटों का मरम्मत भी कराने का काम किया जा रहा है।
गाजीपुर का जिला पंचायत जिसकी अध्यक्ष गाजीपुर की प्रथम महिला कही जाती है और इसी जिला पंचायत के द्वारा जब प्रथम बैठक हुई उसके बाद ही जनपद के ग्रामीण इलाकों की गलियों को रोशन करने के लिए करीब 9 करोड़ों रुपए की लागत से सेंसर युक्त स्ट्रीट लाइट की सौगात दी गई जिसके लगने के बाद से ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई लेकिन यह खुशी बहुत दिन तक ठहर नहीं पाई बल्कि कुछ ही दिनों बाद एक-एक कर लाइट अपनी औकात दिखाना शुरू कर दी है जो हमारे कैमरे में भी कैद हुआ हमने भी देवकली ब्लाक के कई गांव का रियलिटी चेक किया तो यहां पाया कि प्रत्येक गांव में 2-4 लाइट छोड़कर सभी खराब पड़े हुए हैं और जो जल रहे हैं वह भी डायरेक्ट हैं यानी कि जिन उद्देश्यों के साथ सेंसर युक्त लाइट लगाए गए थे कि शाम होते ही वह आटोमेटिक जले और सुबह सूर्य की रोशनी पढ़ते ही वह ऑटोमेटिक बुझ जाए जिससे कि ऊर्जा का नुकसान ना हो इसको लेकर हमने गांव के लोगों से भी बात किया गांव के लोगों ने बताया कि जब से यह लगा है सबसे कई बार खराब हो चुका है स्थिति यह है कि गांव में जितने भी लाइट लगाए गए थे खराब होने के बाद विभागीय लोग आए और बनाने के लिए ले गए जिसमें से आज भी अधिकतर लाइट गायब है और गांव वालों को अंधेरे में ही अब आना जाना पड़ता है।
इसी मामले को लेकर देवसिहा गांव के ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके ग्राम सभा में जिला पंचायत के द्वारा कुल 35 लाइटें लगाई गई थी लेकिन मौजूदा समय में अधिकतर लाइट खराब पड़ी हुई है कई बार रिपेयरिंग कराने के बाद भी लाइट सही नहीं हुई। वही इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य से भी बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के द्वारा सभी जिला पंचायत सदस्यों को उनके क्षेत्रों के लिए लाइट दिया गया था लेकिन अधिकतर लाइट लगने के कुछ दिनों बाद ही खराब हो गए।
इस बात को लेकर अपर जिला अधिकारी अरुण कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर तीन स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है जिसको लेकर जांच चल रही है अभी 1 दिन जांच हो पाई है और जब तक जांच ना हो जाए तब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाएंगे इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि जांच के दौरान जिला पंचायत के द्वारा अपनी गर्दन बचाने के लिए लाइटें के मरम्मत का कार्य भी चल रहा है इस दौरान इससे जांच प्रभावित होगी या नहीं इसको लेकर अपर जिलाधिकारी ने कोई अस्पष्ट जवाब नहीं दिया।