देहरादून, उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दंगल से पहले राज्य में गन्ना किसानों के मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। दअरसल हरीश रावत ने इकबालपुर चीनी मिल पर 24 घंटे का धरना प्रदर्शन किया… बकाया गन्ना मूल्य भुगतान समेत किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर कांग्रेसियों ने इकबालपुर चीनी मिल का भी घेराव किया… साथ ही हरीश रावत ने 24 घंटे का धरना प्ररदर्शन कर सरकार से जल्द से जल्द किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान की मांग की है…हरीश रावत का कहना है कि भाजपा के राज में किसान नौजवान सब परेशान हैं….सरकार ने ना तो गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया और ना ही किसानों के गन्ने का भुगतान किया जा रहा है। हरीश रावत का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकार सोई हुई है…सरकार को जगाने और किसानों को हक दिलाने के लिए उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा हैं….अभी भी सरकार नहीं जागी तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा….वहीं भाजपा का आरोप है कि हरीश रावत को किसानों की समस्याओँ से कोई सरोकार नहीं…हरीश रावत सिर्फ चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तराखंड में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दंगल से पहले राज्य में गन्ना किसानों के मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। दअरसल हरीश रावत ने इकबालपुर चीनी मिल पर 24 घंटे का धरना प्रदर्शन किया… बकाया गन्ना मूल्य भुगतान समेत किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर कांग्रेसियों ने इकबालपुर चीनी मिल का भी घेराव किया… साथ ही हरीश रावत ने 24 घंटे का धरना प्ररदर्शन कर सरकार से जल्द से जल्द किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान की मांग की है…हरीश रावत का कहना है कि भाजपा के राज में किसान नौजवान सब परेशान हैं….सरकार ने ना तो गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया और ना ही किसानों के गन्ने का भुगतान किया जा रहा है। हरीश रावत का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकार सोई हुई है…सरकार को जगाने और किसानों को हक दिलाने के लिए उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा हैं….अभी भी सरकार नहीं जागी तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा….
एक तरफ जहां हरीश रावत किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। साथ ही किसानों की मांगों को लेकर हरीश रावत पूरे 24 घंटे तक धरने पर बैठे पूर्व सीएम हरीश रावत ने मच्छरदानी में रात गुजारी…साथ ही सरकार से जल्द गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की सरकार से मांग की है। वहीं भाजपा का आरोप है कि हरीश रावत को किसानों की समस्याओँ से कोई सरोकार नहीं…हरीश रावत सिर्फ चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी ने हरीश रावत से अपने शासनकाल में किसानों के हित में लिए गए फैसलों को बताने की भी मांग की है
कुल मिलाकर राज्य में गन्ना किसानों के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। सवाल ये है कि एक तरफ तो हम जय जवान जय किसान का नारा देते हैं। लेकिन धरातल पर ना जवान खुश है ना किसान ऐसे में क्या ये नारे हवा हवाई है। क्या हरीश रावत किसानों के नाम पर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। क्या हरीश रावत के धरने से गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान होगा