चिलचिलाती गर्मी ने किया बेहाल, तापमान नहीं ले रहा है गिरने का नाम

KNEWS DESK- पिछले कुछ दशकों में तापमान तेजी से तीव्र होता जा रहा है। हीटवेव के दौरान, देश में पानी की भारी कमी है। करोड़ों की आबादी में लाखों ऐसे लोग है जिनके पास ताज़े रनिंग वाटर की पहुंच नहीं है। हाल ही में, मानसून की देरी के चलते, उत्तर भारतीय राज्यों में तीव्र गर्मी का अनुभव लगाया जा रहा है, जिससे राहत का कोई संकेत नहीं है।

इस हीटवेव के चलते रोजाना मरने वालों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ 4-5 दिनों में ही बलिया जिले के अस्पताल में लू लगने के कारण भर्ती हुए करीब 57 मरीजों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इसके अलावा, यूपी, बिहार और ओडिशा राज्यों ने भी अत्यधिक गर्मी के प्रमाण कम से कम 100 लोगों की मौत की सूचना दी है। पूर्व बिहार ब्व्हीशाद गर्मी के चपेट में है, जिसके प्रमाण पिछले 2 दिनों के भीतर 47 मौतें हुई हैं। इनमे से 35 मौते राज्य की राजधानी पटना के दो अस्पतालों में से हैं।

पटना में 44.7 डिग्री सेल्सियस का अत्यधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया था।

आमतौर पर, मानसून की बारिशों से पहले, जो ठंडा तापमान लाती है, भारत के अधिकतर हिस्सों में अप्रैल,मई और जून के महीने में सबसे ज़्यादा गर्मी होती है। विदर्भ और छत्तीसगढ़ सहित कई क्षेत्रों में अगले 5 दिनों तक भीषण गर्मी की स्थिति रहने की आशंका है। ओडिशा,झारखंड, तटीय आंध्रा प्रदेश और यनम, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और पूर्व उत्तर प्रदेश में भी लू चलने का अनुमान है। हालांकि, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक अलर्ट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 19 जून तक लू की स्थिति बनी रहेगी।

पटना के जिला अधिकारी ने शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है और सभी स्कूल और आंगनवाड़ियों को 24 जून तक बंद करने का आदेश दिया है। यह जिले में बढ़ती गर्मी की लहर और उच्च तापमान को रोकने के लिए किया जा रहा है।

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