रिपोर्ट – मोहम्मद साकिर
डीडवाना – होली पर्व के बाद आने वाला दो दिवसीय शीतला पूजन पर्व आज डीडवाना जिला मुख्यालय सहित क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जा रहा है आज सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं ने रात के बनाये ठन्डे शीतल भोजन से माँ शीतला को चढ़ाकर पूजन किया जा रहा है| शीतला सप्तमी व अष्टमी का ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष महत्व हैं।
सुबह से ही लगी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
बता दें कि डीडवाना जिला मुख्यालय के आसपास के क्षेत्र में प्रसिद्ध पाटन डुंगरी स्थित शीतला माता मन्दिर पुलिस थाना रोड डीडवाना शीतला माता मंदिर में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है| यह शीतला माता मंदिर में डीडवाना, लाडनूं जसवंतगढ़ और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में आस्था का मुख्य स्थल है| आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है और परिवार में सुख शांति और शीतलता की कामना करते है |
शीतला पर्व की मान्यता एवं महत्त्व
पाटन स्थित शीतला माता मंदिर को लेकर मान्यता है की यह चेचक और माता जैसी बीमारियों की माता के दर्शन मात्र से ही बीमारी मिट जाती है। वहीं पशुओं में होने वाली माता और अन्य बीमारियों को लेकर भी मान्यता है की पशुपालक अपने पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर माता के मन्नत मांगते है। स्कंद पुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने सृष्टि को रोगमुक्त और स्वच्छ रखने का कार्य शीतला माता को दिया हुआ है, इसलिए इन्हें स्वच्छता की देवी के रूप में भी पूजा जाता है| इस दिन माता शीतला को ठंडा भोजन यानि एक दिन पहले का बने भोजन का भोग लगाया जाता है और उसी भोजन को ग्रहण किया जाता है|
ग्रामीण क्षेत्र में किसानो के लिए क्या है महत्व
शीतला अष्टमी का ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लिए भी खासा महत्व है| आज सुबह किसानो अपने अपने खेतो में जाता है और आने वाला मानसून अच्छा रहे और खेती किसानी अच्छी रहे साथ ही किसान अपने खेत में सुबह – सुबह पारम्परिक हल का पूजन कर खेत में हल चलाने की शुरुआत करता है और हरियाली की पौध लगाकर खेत बुवाई का मुहूर्त किया जाता है| मान्यता है कि ऐसा करने से किसान के खेतो में फसलों की अच्छी पैदावार होती है।
मां को ठंडा वासी भोजन का भोग लगाकर की विश्व शांति सुख समृद्धि की कामना
इसी तरह डीडवाना पुलिस थाना रोड पर स्थित शीतला माता मंदिर भी हजारों साल पुराना मंदिर है यहां पर सुबह प्रातः 4:00 बजे से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है और भक्तों के द्वारा मां को ठंडा वासी भोजन का भोग लगाकर विश्व शांति की वह अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की है | वहीं महिलाओं के द्वारा मिट्टी के लड्डू बनाकर अपने घर पर ले जाये गए हैं, माना जाता है कि लड्डू को घर में रखने से सुख समृद्धि आती है और किसी तरह की बीमारियां नहीं आती हैं, वहीं धन में कमी भी नहीं होती है। इसको लेकर यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है।