बारिश का प्रहार, चुनौतियां हजार !

उत्तराखंड-  उत्तराखंड में आफत की बारिश ने जन- जीवन बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक आपदा का कहर देखने को मिल रहा है। प्रदेशभर में 228 से ज्यादा सड़कें बंद चल रही है जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। पहाड़ों में जगह जगह लैंड स्लाइडिंग की घटनाएं रोजाना देखने को मिल रही है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक आपदा ने अपना कहर बरपा रखा है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों को प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाने के निर्देश दिए है। वहीं भारी बारिश की वजह से प्रदेशभर के मकानों में दरारें आ चुकी है। जिन्हें खाली कराने का कार्य किया जा रहा है। वहीं ऋषिकेश, हरिद्वार समेत कई क्षेत्रों में स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है। सड़कें नदियों में तब्दील हो चुकी हैं। सड़कों पर नाव चल रही है। लोग घरों को खाली करने के लिए मजबूर है। ऐसे हालात में जिलाधिकारी देहरादून डॉ. सोनिका ऋषिकेश पहुंची जहां उन्होंने गंगानगर और आसपास क्षेत्र में जल भराव की समस्या का निरीक्षण किया और यहां के हालात देखने के बाद उन्होंने नगर आयुक्त राहुल कुमार गोयल को जमकर फटकार लगाई। डीएम ने कहा कि इतनी ज्यादा खराब स्थिति के बावजूद भी नगर निगम की ओर से यहां पर जल निकासी की स्थाई व्यवस्था क्यों नहीं की गई है। वहीं भारी बारिश के बीच राज्य में डेंगू प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। जिससे सरकार के सामने दोहरी चुनौती आ खड़ी हुई है। वहीं विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। वहीं सत्तापक्ष का आरोप है कि विपक्ष ऐसे समय में भी नकारात्मक राजनीति कर रहा है।

कुल मिलाकर उत्तराखंड को मॉनसून की बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश ने जन जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है। वहीं राज्य में अब इस मामले में सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही कांग्रेस ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द राज्य को आर्थिक मदद देने की भी मांग की है। इसके साथ ही राज्य में डेंगू समेत अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। जिससे सरकार के सामने दोहरी चुनौती आ खड़ी हुई है…देखना होगा सरकार इन सब चुनौतियों से कैसे निपटती है और कब तक प्रदेश के हालात सामान्य होते हुए नजर आते हैं।

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