उत्तराखंड : बढ़ते समय के साथ व्यवस्थाओं में भी सकारात्मक बदलाव आ रहा है। ऐसे में समाज के हर क्षेत्र व हर वर्ग को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जेल प्रबन्ध भी इससे अछूता नही है। जेल में बंद कैदियों को जितना काम उतना दाम की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सहकारी समिती अब जेल में बन्द कैदियों की आर्थिकी को मजबूत करेगी। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के आदेश के बाद अब हर जेल में उत्तराखण्ड करागार श्रम सेवा स्वायत्त सहकारिता समिती का गठन किया जा रहा है। इससे जेल में जो उत्पाद बनेंगे उसकी बिक्री समितियो के माध्यम से होगी।
जितनी मेहनत, उतना लाभ
दरअसल सरकार द्वारा एक व्यवस्था के तहत प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे कैदियों के काम का उनको अधिक लाभ मिले। इसके तहत कैदियों द्वारा जेल में उत्पाद तैयार किये जाते है। इसके माध्यम से कैदियों के कौशल के विकास को बढ़ावा दिया जाता है जिससे उनकी व उनके परिवार की आर्थिकी भी चलती रहे। नयी व्यवस्था से पूर्व में इनके द्वारा तैयार उत्पाद की बिक्री कर प्राप्त धन सरकार के पास जमा होता था। जहां से फिर कैदियों को प्रतिदिन 44 रूपये के हिसाब से भुगतान दिया जाता था। लेकिन नयी व्यवस्था के तहत उत्पादों की बिक्री से प्राप्त धनराशि समिती के पास होगी जहां से कैदियों को उनके द्वारा तैयार उत्पाद के आधार पर धनराशि दी जाएगी। मतलब जितना काम उतना दाम ।