काशीपुर में शिकारी जानवरों की रिहायशी इलाकों में दस्तक

रिपोर्ट : अज़हर मलिक

काशीपुर : उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में तेंदुए की दस्तक ने दहशत मचा दी शहर शहर मंडराती इस मौत से हर कोई सहमा हुआ है। लोग घरों के अंदर रहने को मजबूर हैं। तो दूसरी ओर शिकारी जानवरों की दस्तक सड़क दुर्घटनाओं का सबक बन रही है। आखिर क्यों अनचाहे मेहमान ने रिहायशी इलाकों में अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी.


जंगल की अपनी दुनिया है और जब भी जंगल के बड़े शिकारियों का नाम आता है, तो टाइगर लेपर्ड यानी गुलदार का नाम ऑटोमेटिक उसमें शामिल हो जाता है। टाइगर ,लेपर्ड और चीता बिग कैट फैमिली के तीन ऐसे सदस्य है जिसे पूरा जंगल ही थरथर का पता है। इनका जंगलों में इतना रूतवा है कि इनकी आहट ही किसी के भी दिल में खौफ भर देती है। बिग कैट फैमिली का सबसे ताकतवर सदस्य टाइगर को माना जाता और टाइगर की राजशाही अपने क्षेत्र में किसी और शिकारी को बर्दाश्त नहीं करती। और जहां टाइगर की दस्तक हो जाती है उस क्षेत्र को अपने खौफ से अपना बना लेता है। टाइगर के खौफ की वजह से ही गुलदार अपने क्षेत्र को भी छोड़कर नए क्षेत्र की तलाश शुरू कर देता है। और गुलदार की इसी तलाश की वजह से गुलदार ने रिहायशी इलाकों में अपनी दस्तक देनी शुरू क्योंकि जनपद उधम सिंह नगर जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की सीमाओं से लगा है। और इस जंगल में टाइगरो की आबादी में बढ़ोतरी हुई है जिस वजह से टाइगरो जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में अपना वर्चस्व बनाना शुरू कर दिया है। और टाइगरों के खौफ की वजह से गुलदारो ने रिहायशी इलाकों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया क्योंकि गुलदारो को छुपने की अच्छी जगह और आसानी से पालतू जानवरों का शिकार करने को मिल जाता है।

गुलदार की दस्तक 

गुलदार की दस्तक आबादी वाले क्षेत्रों में डर का माहौल बनाए हुए ही तो दूसरी ओर लगातार आबादी वाले क्षेत्र में गुलदार की आवाजाही सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ोतरी दे रही है आए दिन गुलदार के एक्सीडेंट की खबर क्षेत्र में सनसनी फैला देती हैं। बरहाल समय रहते जंगल के रखवालों को वीआईपी इलाकों में गुलदार की दस्तक पर रोक लगानी चाहिए ताकि इंसानी जिंदगी भी महफूज रहें और गुलदार का अस्तित्व हुई खतरे में ना पड़े।

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