UCC का पास पर्चा, चली चुनावी चर्चा !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में CAA के बाद UCC पर सियासत गरमा गई है। दअरसल धामी सरकार के यूसीसी बिल को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। यूसीसी के विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंजूरी देते हुए राजभवन को भेज दिया है। इसके साथ ही सरकार ने राष्ट्रपति की इस मंजूरी की अधिसूचना जारी कर दी है। अब इसकी अन्य औपचारिकताएं होनी बाकी हैं। माना जा रहा है कि विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग जल्द इसका नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जल्द कानून लागू करने के लिए नियामवली को मंजूरी देकर कानून को सख्ती से राज्य में लागू किया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार के ऐसा करने से आजादी के बाद देश के इतिहास में उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य हो जाएगा। वहीं विपक्ष ने चुनाव से पहले यूसीसी और सीएए लागू करने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खडे करते हुए ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है… साथ ही विपक्ष ने टाईमिंग पर भी सवाल खडे किए हैं जबकि भाजपा का कहना है कि वह जनता से किए हुए वादे को ही पूरा कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से यूसीसी लागू करने का वादा किया था. सवाल ये है कि क्या केंद्र और राज्य सरकार यूसीसी और सीएए के सहारे चुनाव से पहले धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रही है 

 लोकसभा चुनाव पास आते ही देश और प्रदेश में तमाम नए घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। चुनाव से पहले देश में जहां मोदी सरकार ने सीएए लागू कर बड़ा दांव खेला है तो दूसरी ओर उत्तराखंड की धामी ने प्रदेश में यूसीसी को लागू करने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। माना जा रहा है कि धामी सरकार जल्द इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से यूसीसी लागू करने का वादा किया था…नतीजे पक्ष में आने के बाद अपने दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही सीएम धामी ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में यूसीसी लाने को मंजूरी दी थी। वहीं राष्ट्रपति की हरी झंडी के बाद अब धामी सरकार नियामवली को मंजूरी देकर यूसीसी को सख्ती से लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है।

 

आपको बता दें कि धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसी साल दो फरवरी को कमेटी ने मुख्यमंत्री को 740 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी। इसका परीक्षण कराने के बाद सरकार ने चार फरवरी को कैबिनेट बैठक में यूसीसी विधेयक को मंजूरी देते हुए छह फरवरी से विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया। हालांकिकांग्रेस विधायकों ने विधेयक में संशोधन के लिए इसे प्रवर समिति के हवाले करने का सुझाव दिया था। लेकिन सदन में पक्ष-विपक्ष में हुई चर्चा के बाद सात फरवरी को सर्वसम्मति से इसे ध्वनिमत से पारित किया था। वहीं चुनाव से ठीक पहले यूसीसी और सीएए पर मचे सियासी बवाल के बाद विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल खडे किए हैं

 

कुल मिलाकर चुनाव से पहले CAA के बाद UCC के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। एक तरफ जहां भाजपा जनता से किए हुए वादे को ही पूरा करने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल सरकार के फैसले की टाईमिंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं देखना होगा लोकसभा चुनाव में यूसीसी और सीएए का कितना असर जनता में देखने को मिलता है

 

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