मानसून में खुली पोल, विपक्ष का हल्ला बोल!

उत्तराखंड-  उत्तराखंड में मानसून की पहली बारिश ने शासन प्रशासन के सभी दावों की पोल खोलकर रख दी है| हरिद्वार में तो स्थिति काफी खराब देखने को मिली| जहां पहली बारिश में गाड़ियां नाव की तरह बहने लगीं| सड़कों में इतना पानी था कि लोगों को यकीन नहीं हुआ कि ये सड़क है या फिर नदी| आलम ये था कि लोग तैरकर सड़क पार कर रहे थे| नदी नालों और सीवरेज की सफाई ना होने से हरिद्वार में ऐसी स्थिति देखने को मिली| हरिद्वार में जिसने भी ये मंजर देखा उसने कान पकड़ लिए कि ये विकास है तो फिर ऐसा विकास ना ही करें| वहीं विपक्ष ने भी सरकार से मानसून की तैयारियों पर सवाल पूछ लिया| राज्य में भारी बारिश से बिगड़े हालत के बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ यात्रा पर अगले आदेश तक रोक लगाने का फैसला लिया है साथ ही सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं सवाल ये है कि जब बरसात की पहली बारिश में ऐसे हाल है तो फिर आगे परिस्थिति क्या होगी?

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दे रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार की मानसून को लेकर की गई तैयारियों की पोल बरसात की पहली बारिश ने ही खोल कर रख दी| एक तरफ जहां पहाड़ों में जगह- जगह राजमार्ग बाधित हुए तो दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों में सड़कें नदियों में तब्दील होती हुई नजर आई| सबसे ज्यादा खराब स्थिति हरिद्वार में देखने को मिली| जहां पहली बारिश में कारें नाव की तरह बहने लगीं| सड़कों में इतना पानी था कि लोगों को यकीन नहीं हुआ कि ये सड़क है या फिर नदी| आलम ये था कि लोग तैरकर सड़क पार कर रहे थे| नदी नालों और सीवरेज की सफाई ना होने से हरिद्वार में ऐसी स्थिति देखने को मिली| हरिद्वार में जिसने भी ये मंजर देखा उसने कान पकड़ लिए कि ये विकास है तो फिर ऐसा विकास ना ही करें| वहीं विपक्ष ने भी सरकार से मानसून की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं|

कुल मिलाकर शासन- प्रशासन की मानसून को लेकर की गई तैयारियों की पोल पहली बारिश ने ही खोल दी है। सवाल ये है कि आने वाले दिन क्या ऐसे ही कटेंगे? आखिर क्यों सरकार ने बरसात से पहले पूरी तैयारी नहीं की?

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