KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में मौलानाओं ने अपनी जिद की वजह से निकाह पढ़ाने से साफ़ इंकार कर दिया| दरअसल, जगदीशपुर कोतवाली के हारीमऊ गांव में डीजे के साथ नाचते हुए बाराती लड़की के घर पहुंचे लेकिन निकाह पढ़ाने के समय मौलाना ने निकाह पढ़ाने से सफा मना कर दिया| चलिए आपको मामले की पूरी जानकारी देते हैं|
बता दें कि कमरौली थाना क्षेत्र के सिंदुरवा गांव निवासी वारिस अली के लड़के शोहराब की बारात गुरुवार रात में जगदीशपुर थाना क्षेत्र के हारीमऊ गांव पहुंची| वहां पर शरीफ की पुत्री शबाना के साथ उसका निकाह होना था| बारात पहुंचने पर स्वागत के रस्म अदायगी के बाद निकाह के लिए बाराती लड़की पक्ष के दरवाजे पर डीजे के साथ नाचते हुए पहुंचे, जिसे सुनकर गांव से बुलाए गए मौलाना ने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया| उन्होंने कहा- शादी में डीजे और बाजा बजाने पर मजहबी सामाजिक प्रतिबंध लगा रखा है तो फिर ना फरमानी क्यों की गई| इसके बाद दूल्हा-दुल्हन पक्ष के लोगों ने मौलाना से क्षमा याचना की लेकिन उन्होंने निकाह पढ़ने से साफ इनकार कर दिया| आखिर में बिना निकाह के ही दुल्हन की विदाई की गई|
दरअसल, उलेमाओं ने नया फरमान जारी किया है कि जिसके घर में शादी के दौरान डीजे बजा तो वहां पर न ही निकाह पढ़ाया जाएगा और न फातिहा| इस शादी में भी जब लड़के वाले डीजे के साथ बारात लेकर आए तो मौलाना नाराज हुए और उन्होंने निकाह नहीं पढ़वाया।| वहीं, लड़की के परिजनों ने मौलवी पर मनमानी करने का आरोप लगाया है|
लड़की के पिता मोहम्मद शरीफ का कहना है- मस्जिद के इमाम ने हमारे साथ धोखा किया| उनके पास हम निकाह पढ़वाने गए थे लेकिन वो जुर्माना के तौर पर पैसा मांग रहे थे| उन्होंने कहा, बेटी का जिस तरह वो निकाह कराना चाहते थे, वो अरमान अधूरे ही रह गए| इधर मौलाना ने सर्वसम्मति से दुल्हन के परिवार का बहिष्कार कर दिया है|