महाकाल कॉरीडोर की मूर्तियां आंधी में टूटीं, कांग्रेस ने PM का नाम लेकर किस ‘घोटाले’ का किया जिक्र?

K NEWS DESK-  मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे को आंधी की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है. 28 मई को आई आंधी की वजह से ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे में स्थित सप्त ऋषियों की छह मूर्तियां गिर गईं और तीन मूर्तियां गिरकर टूट गईं. जब आंधी आई उस दौरान कॉरिडोर में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. हालांकि, इस दौरान जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है|

 राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मध्य प्रदेश सरकार को घेरा है

“मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था, तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी. आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है. मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए.”

दिग्विजय सिंह ने भी राज्य सरकार को घेरते हुए किया ट्वीट

“कोई ऐसी योजना नहीं है जिसमें भाजपा ने भ्रष्टाचार ना किया हो. उज्जैन के महाकुंभ में घटिया निर्माण किया और अब 750 करोड़ रुपये से बना महाकाल लोक कॉरिडोर जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया, उसकी मूर्तियां तेज़ हवा में ही गिर गईं. अब इस से बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? क्या मोदी जी ⁦प्रदेश के CM शिवराज सिंह से घटना का स्पष्टीकरण लेंगे? मध्य प्रदेश में कोई भी योजना नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार ना हुआ हो. अब महाकाल के नाम पर भी भाजपा पैसे खा गई.”

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था. पहले चरण में 900 मीटर से ज़्यादा लंबे कॉरिडोर में 316 करोड़ रुपये की लागत लगी है. जबकि पूरा प्रोजेक्ट 856 करोड़ रुपये का है. इस दो चरणों में पूरा किया जाना है|

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