धीरेंद्र शास्त्री ने सपा सांसद अफजाल अंसारी के बयान पर दी प्रतिक्रिया, कहा – ‘अंसारी नाम के बहुत से आतंकवादी…’

KNEWS DESK – गयाजी, जिसे मोक्ष और ज्ञान की भूमि के रूप में जाना जाता है, शुक्रवार की रात एक विशेष आगंतुक की उपस्थिति से और भी पवित्र हो गई। बागेश्वर धाम के प्रमुख, धीरेंद्र शास्त्री, अपने अनुयायियों के साथ गयाजी पहुंचे। रात लगभग ग्यारह बजे, कड़ी सुरक्षा के बीच धीरेंद्र शास्त्री को बोधगया के संबोधि रिसॉर्ट में ले जाया गया, जहां उनके अनुयायियों की भारी भीड़ उनकी प्रतीक्षा कर रही थी।

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अनुयायियों के साथ विशेष मुलाकात

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने अनुयायियों का अभिवादन करते हुए भारत माता, सनातन धर्म और बिहारवासियों के सम्मान में जयकारा लगवाया। उनका आगमन मुख्य रूप से अपने पूर्वजों का पिंडदान करने के लिए था, जो कि पितृपक्ष के दौरान गयाजी की परंपरा के अनुरूप है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भीड़भाड़ और पितृपक्ष की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस दौरान किसी प्रकार का प्रवचन या दरबार नहीं आयोजित करेंगे।

धर्म और राजनीति पर स्पष्ट विचार

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने आगमन के साथ ही समाज और राजनीति से जुड़े कुछ विवादित मुद्दों पर भी अपने विचार व्यक्त किए। जब पत्रकारों ने उनसे उत्तर प्रदेश के सपा सांसद अफजाल अंसारी द्वारा साधुओं के खिलाफ की गई टिप्पणी के बारे में पूछा, तो शास्त्री ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “अंसारी नाम के बहुत से आतंकवादी हो सकते हैं, पर इसका मतलब यह नहीं कि सभी अंसारी ऐसे हों। उसी प्रकार, सारे साधु-संत भी एक जैसे नहीं होते। कुछ साधु हो सकते हैं जो गलत आदतों में लिप्त हों, पर सभी को एक ही नज़र से देखना अनुचित है।”

सनातनियों की एकजुटता के लिए पदयात्रा का ऐलान 

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने अनुयायियों और समाज के सामने एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि वे 20 से 29 नवंबर तक बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किमी की पदयात्रा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य सनातनियों को एकजुट करना, समाज से ऊंच-नीच और छुआछूत को मिटाना और भारत की समृद्धि के लिए प्रार्थना करना है।

उन्होंने कहा, “आखिर कब तक एक बागेश्वर बाबा सनातनियों की आवाज़ उठाता रहेगा? मेरा उद्देश्य है कि हर घर से एक बागेश्वर बाबा निकले, ताकि सनातन धर्म की ताकत बढ़े। हिंदुओं को जागना होगा, वरना भारत की स्थिति बांग्लादेश जैसी हो जाएगी।”

तिरुपति लड्डू प्रकरण पर भी विचार

धीरेंद्र शास्त्री ने भारत के मंदिरों के प्रबंधन पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि हर मंदिर में गोशाला होनी चाहिए और मंदिरों का प्रबंधन सरकार के हाथों में नहीं, बल्कि धार्मिक ट्रस्टों के अधीन होना चाहिए। इससे मंदिरों की शुद्धता और पवित्रता बनी रहेगी।

समाज के प्रति एकजुटता का संदेश

धीरेंद्र शास्त्री का गयाजी आगमन उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणादायक रहा, साथ ही सनातन धर्म के अनुयायियों को जागरूक और एकजुट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी। समाज में शुद्धता और पवित्रता को बनाए रखने के उनके विचार, और धार्मिक परंपराओं को आगे बढ़ाने के उनके संकल्प ने उनके अनुयायियों और प्रशंसकों को एक नई दिशा दी।

धीरेंद्र शास्त्री की यह यात्रा एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आई है—धर्म और समाज की रक्षा के लिए हर व्यक्ति को जागरूक और एकजुट होना जरूरी है।

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