रिपोर्ट – कुलदीप कुमार
उत्तर प्रदेश – पीलीभीत में आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद गरीब दम तोड़ रहे हैं। निजी अस्पताल आयुष्मान योजना का मखौल उड़ाकर सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। आयुष्मान कार्ड धारक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया तो अस्पताल संचालक ने शव को ही बंधक बना लिया।
अस्पताल ने शव को बनाया बंधक
आपको बता दें कि मामला कोतवाली बीसलपुर के लाइफ लाइन प्राइवेट हॉस्पिटल की है| परिजनों का आरोप है मरीज का आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं किया तो वह चंदा करके इलाज करा रहे थे, 15 हजार खर्च के बाद भी मरीज की जान नहीं बची, मौत के बाद अस्पताल ने लम्बा चौड़ा 21 हजार 9सौ का बिल पेश किया जिसे भरने में परिजन असमर्थ थे तो अस्पताल ने शव को बंधक बना लिया और कहा- बिल भरो, शव ले जाओ, घंटों अस्पताल के गेट पर परिजन बंधक लाश को छुड़वाने के लिए गुहार लगाते रहे। लंबी जद्दोजहद के बाद बेटे को पिता की लाश नसीब हो सकी।
शव को रोककर करी पैसे की डिमांड
दरअसल शहर के मोहल्ला दुर्गा प्रसाद निवासी करन गंगवार ई-रिक्शा चालक है कल् यानि 2 फरवरी को उसके पिता वीरपाल गंगवार की सांस फूलने से तबियत बिगड़ गई, मरीज का आयुष्मान कार्ड होने पर तत्काल परिजन लाइफलाइन अस्पताल लेकर पहुंचे जहां आयुष्मान कार्ड से इलाज मना कर दिया गया | जिसके बाद परिजन ने मोहल्लेवासियों से 15 हजार का चंदा कर जांच, दवाइयां और फाइल जार्च देकर इलाज शुरू कराया। लेकिन इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई है। आरोप है डॉक्टरों ने 15 हजार के अलावा 21 हजार 9सौ का एक ओर बिल बनाया। और शव को रोककर पैसे की डिमांड करने लगा। उसके बाद मोहल्ले वालों ने फिर चंदा किया और लोगों ने शव को छुड़ाया है। मामले में डीएम ने सीएमओ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ये भी कहा है कि पीड़ित से वसूले गए रुपये भी लौटाए जाएं। एसीएमओ और आयुष्मान टीम को जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।