KNEWS DESK- दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार यानि आज सीएम अरविन्द केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया| दरअसल, केजरीवाल ने याचिका दर्ज कर ‘आबकारी घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए अपनी रिहाई की मांग की| बहस के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मनीष सिसोदिया का जिक्र किया|
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके मामले में सौ करोड़ पर अदालत ने कहा था कि ये डिबेट का मैटर है| ये कहना है कि सिसोदिया को जमानत नहीं मिली| लिहाजा मैं गिरफ्तारी को चुनौती नहीं दे सकता, गलत होगा| उन्होंने कहा- मान लो कि किसी को रिश्वत लेते पकड़ा गया हो, ऐसे में क्या PC एक्ट या इनकम टैक्स एक्ट लगेगा या फिर ED PMLA लेकर कूद जायेगी| ये मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे हो सकता है| इस बात का कोई प्रूफ नहीं है कि केजरीवाल इस मामले में शामिल थे| सोचा भी नहीं जा सकता कि वो इसका हवाला संभाल रहे थे| अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने आतंकवादी का बहुत ही ख़राब उदाहरण दिया है|
इससे पहले ED ने दिल्ली उच्च न्यायलय से कहा- सीएम केजरीवाल आबकारी घोटाले के षड्यंत्रकारी हैं और इसके पास उपलब्ध सामग्री के आधार पर यह मानने के कारण हैं, धनशोधन के अपराध के दोषी हैं| आप नेता की गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा- राजनीतिक दल जो अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी था, उसने केजरीवाल के जरिए अपराध किया है|
ED ने कहा- सीएम केजरीवाल, दिल्ली के मंत्रियों, नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से दिल्ली आबकारी घोटाले के षड्यंत्रकारी हैं| केजरीवाल साफ़ तौर पर आबकारी नीति 2021- 22 बनाने में शामिल थे| यह अपराध धारा 70, PMLA 2002 के अंतर्गत आता है|