नई दिल्ली – पांच दिन तक चलने वाले एयरो इंडिया शो में अमेरिकी वायुसेना के F-35A Lightning II और F-35A के अलावा F-16 और F-18 भी नजर आएंगे.
अमेरिकी वायुसेना के इन दोनों F-35A की गिनती दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमानों में होती है. यूएस एयरफोर्स के मेजर जूलियन सी चीटर ने कहा कि एयरो इंडिया सबसे घातक और आधुनिक हथियारों को पेश करने का शानदार मंच है.
एयरो इंडिया में बोइंग, GE एयरोस्पेस, जनरल एटोनॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम, लॉकहीड मार्टिन, प्रैट एंड व्हीटनी, टीडब्ल्यू मेटल्स, एलएलसी और यूनाइटेड परफॉर्मेंस मेटल्स जैसी अमेरिकी कंपनियां हिस्सा ले रहीं हैं.
सोमवार को एयरो इंडिया में अमेरिकी एयरफोर्स के जिस F-35 ने उड़ान भरी, वो लॉकहीड मार्टिन का बनाया हुआ है. ये सिंगल सीटर और सिंगल इंजन वाला लड़ाकू विमान है. इसकी खास बात ये है कि किसी भी तरह के मौसम में उड़ान भर सकता है.
लॉकहीड मार्टिन के मुताबिक, F-35 का इंजन 43 हजार पाउंड का थ्रस्ट पैदा करता है और इसमें तीन स्टेज का फैन है. इसके अलावा इसमें 6-स्टेज कम्प्रेशर, कम्बस्टर, एक हाई-प्रेशर टर्बाइन और दो लो-प्रेशर टर्बाइन हैं.
कंपनी के मुताबिक, ये दुनिया का सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान है जो जंग की स्थिति में नतीजे को पलट सकता है. ये विमान किसी भी मौसम में और किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम है.
F-35A Lightning II एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है. ये पांचवी पीढ़ी का विमान है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और इंटेलिजेंस सर्विलांस से भी है.
F-35 में दो एयर-टू-एयर और दो एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल को ले जाया जा सकता है. इस लड़ाकू विमान में AIM-120 AMRAAM, AIM-132 ASRAAM, JDAM, JSOW Brimstone, WCMD, MBDA मीटियर जैसी मिसाइलों को लोड किया जा सकता है.
इतना ही नहीं, इस विमान के एक्सटर्न हार्डप्वॉइंट पर भी एक्स्ट्रा मिसाइलें, बॉम्ब और फ्यूल टैंक को फिट किया जा सकता है. इसकी विंग पर भी कम रेंज की एयर-टू-एयर मिसाइलों को लोड किया जा सकता है.
इसके अलावा, विमान के पायलट के हेलमेट में भी कई तरह की फंक्शनिलिटी है. इसके हेलमेट में एक डिस्प्ले है, जो पायलट को अलग-अलग सेंसर से मिले डेटा को दिखाता है. इसके साथ ही इस विमान में हवा में ही फ्यूल भरा जा सकता है.
ऐसा दावा किया जाता है कि ये विमान रडार को भी चकमा दे सकता है. ये 51 फीट लंबा, 14 फीट ऊंचा है. विंगस्पान की लंबाई 35 फीट है.
F-35 लड़ाकू विमान करीब दो हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. इससे एक बार में 8 हजार किलो से ज्यादा के पेलोड को ले जाया जा सकता है.
F-35 के तीन वर्जन आते हैं. इसका F-35A वर्जन का इस्तेमाल वायुसेना करती है. F-35B को वर्जन मरीन कॉर्प्स के लिए तैयार किया गया है. वहीं, F-35C विमान कैरियर एयरक्राफ्ट है, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना करती है.