दिल्ली- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि 10 लाख थाई श्रद्धालुओं ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के प्रति जो सम्मान दिखाया, उसने दिल को छू लिया। इन पवित्र अवशेषों को थाईलैंड के बैंकॉक में 22 फरवरी से तीन मार्च तक प्रदर्शित किया गया।
एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर उस विशेष मंडप की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं। इनमें 26-दिवसीय प्रदर्शनी के पहले फेज के तहत बैंकॉक में पवित्र अवशेष प्रदर्शित किए गए हैं। दुनियाभर के बौद्ध अनुयायियों की आस्था से जुड़े इन पवित्र अवशेषों को राजकीय सम्मान के साथ भारतीय वायु सेना के विशेष विमान में ले जाया गया था।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पहले कहा था कि ये पहली बार है कि भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के पवित्र अवशेषों को एक साथ प्रदर्शित किया गया है। संस्कृति मंत्रालय ने पहले दिल्ली में घोषणा की थी कि पवित्र अवशेष 22 फरवरी से तीन मार्च तक बैंकॉक में विशेष मंडप में प्रदर्शित किए जाएंगे।
भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों, अरहत सारिपुत्र, और अरहत मौदगल्यायन के चार पवित्र पिपरहवा अवशेषों को 23 फरवरी को सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से बने मंडप में सार्वजनिक पूजा के लिए रखा गया था। कार्यक्रम के अनुसार, इन पवित्र अवशेषों को चार से आठ मार्च तक हो कुम लुआंग, रॉयल रुजाप्रुक, चियांग माई में, नौ से 13 मार्च तक वाट महा वानाराम, उबोन रतचथानी में और 14 से 18 मार्च तक वाट महाथाट, एओलुएक, क्राबी में प्रदर्शित किया जाएगा।
संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि पवित्र अवशेषों को 19 मार्च को थाईलैंड से वापस लाया जाएगा।
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