KNEWS DESK- हम सब आम बोल- चाल में पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली एनसीआर बोलते हैं..पर क्या आपको बता है इन तीनों को अलग- अलग नाम से क्यों बोला जाता है| देश की राजधानी होने के साथ-साथ यह एक ऐतिहासिक शहर भी है| भारत के अमीर शहरों में से एक दिल्ली में आपको लगभग हर राज्य के लोग मिल जाएंगे| सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन होने के साथ-साथ यह शहर पॉलिटिक्स का गढ़ भी है| पर्यटन के मामले में भी दिल्ली काफी पॉपुलर है| यहां कई ऐतिहासिक इमारतें हैं. दिल्ली में रोजाना पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. आपने लोगों को इस शहर को दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली एनसीआर के नाम से पुकारते सुना होगा|
पुरानी दिल्ली
अपने इतिहास में दिल्ली कई बार उजड़ा और बसा है. पुरानी दिल्ली नाम का संबंध मुगल, खिलजी, तुगलक और सैयद जैसे वंशों रहा था| इतिहास के मुताबिक, मुगल काल में हुमायूं ने दिल्ली पर फतह हासिल कर इसे मुगलों से छीन लिया था. सत्रहवीं शताब्दी में शाहजहां ने दिल्ली को फिर से बसाया और अब इसे शाहजहानाबाद के नाम से जाना गया. जिसे आज हम पुरानी दिल्ली के नाम से जानते हैं|
दिल्ली-एनसीआर
Delhi NCR का पूरा नाम नेशनल कैपिटल रीजन है| इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ जिलों को भी शामिल किया गया है| दिल्ली एनसीआर में उत्तर प्रदेश के 8 जिले, हरियाणा के 14 और राजस्थान के दो जिले शामिल हैं. दरअसल, बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए, दिल्ली के आसपास के इलाकों को भी दिल्ली के समान दर्जा दिया गया और इन्हें Delhi NCR नाम दिया गया| इसमें गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम सहित कुल 19 जिले आते हैं|
नई दिल्ली
यह भी दिल्ली का ही एक छोटा-सा क्षेत्र है. जिसे 20वीं सदी में अंग्रेजों ने बनाया था| इस इलाके की खूबसूरत और इमारतों को ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था| कनॉट प्लेस और लोधी गार्डन, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन और संसद भवन जैसी भव्य इमारतें नई दिल्ली का ही हिस्सा हैं|