पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ आज भारत के 14वीं उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज सुबह 11:45 बजे उन्हें राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाएंगी। आपको बता दें कि जगदीप धनखड़ को छह अगस्त को उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। धनखड़ विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराकर विजेता के रूप में उभरें थे।
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर
धनखड़ ने राजनीति की शुरूआत जनता दल से की थी। धनखड़ 1989 में झुंझनूं के सांसद बनें। पहली बार सांसद चुने जाने पर ही उन्हें बड़ा ईनाम मिला। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि जब 1991 में हुए लोकसभा चुनावों में जनता दल ने जगदीप धनखड़ का टिकट काट दिया तो वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। और अजमेर के किशनगढ़ से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 1993 में चुनाव लड़ा और विधायक बने। 2003 में उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ और वे कांग्रस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया।
जगदीप धनखड़ का बचपन और पढ़ाई
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान में झुंझनूं जिले के किठाना में हुआ था। पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी है। जगदीप अपने 4 भाई बहनों में दूसरे नंबर पर आतें हैं। शुरूआती पढ़ाई गांव किठाना के ही सरकारी माध्यमिक विद्घालय से हुई। गांव से पांचवी तक की पढ़ाई के बाद उनका दाखिला गरधाना के सरकारी स्कूल में हुआ। इसके बाद उन्होंने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में भी पढाई की।
12वीं के बाद उन्होंने भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद धनखड़ का चयन आईआईटी और फिर एनडीए के लिए भी हुआ था, लेकिन वह नहीं गए। स्नातक के बाद उन्होंने देश की सबसे बड़ी सिविल सर्विसेज परीक्षा भी पास कर ली थी । उन्होंने अपने वकालत की शुरूआत भी राजस्थान हाईकोर्ट से की थी। वे राजस्थान बार काउसिंल के चेयरमेन भी रहे थे।