दिल्ली दौड़ मंत्री मंडल की होड़ !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, प्रदेश में लंबे समय से कैबिनेट विस्तार की चर्चा चली आ रही है। हर बार मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं गरम होती हैं और समय के साथ ठंडी पड़ जाती हैं। देखा गया है कि देवभूमि में मोदी के दौरे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे से कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो जाती हैं। माना जा रहा है कि केंद्र से हरी झंडी न मिलना ही इसकी वजह है। पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद धामी कैबिनेट में खाली कुर्सियों की संख्या चार हो चुकी है। परफॉरमेंस के आधार पर एक कैबिनेट मंत्री को बदले जाने की चर्चाएं सत्ता के गलियारों में लंबे समय से गर्म हैं। मौजूदा परिस्थितियों में अब एक और कैबिनेट मंत्री को बदले जाने की चर्चा शुरू हो गई है। धामी कैबिनेट में चार कुर्सियां लंबे समय से खाली हैं। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, इन चार खाली कुर्सियों को भरने के साथ ही कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की भी संभावना है।वही पार्टी आलाकमान बड़बोले मंत्रियो पर भी ऐक्शन ले सकती है

प्रदेश में एक बार फिर जल्द कैबिनेट विस्तार को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। धामी कैबिनेट में चार कुर्सियां लंबे समय से खाली हैं। सूत्रों के मुताबिक इन्हें भरने के साथ ही कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। मंत्रियों के विभागों में फेरबदल की भी संभावना बनी हुई है। हाल ही में हुईं कुछ बयानबाजी को इन अटकलों से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी कैबिनेट विस्तार के संकेत दे दिए हैं। क्षेत्रवाद की राजनीति पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में भट्ट ने कहां निश्चित तौर पर मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी संभव है किसे रखना है और किसे हटाना है यह केंद्र का विषय है पार्टी सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व को मौजूदा  हालात की रिपोर्ट भेज दी गई है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का भी कहना है कि सरकार को गालीबाज़, ब्रष्टाचारी मंत्रियो को हटा कर दुसरो को मौका देना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया है। आपको बता दे उत्तराखंड में इन दिनों की मौजूदा परिस्थितियों में अब एक कैबिनेट मंत्री को बदले जाने की मांग भी जनता की ओर से की जा रही हैं। वही कैबिनेट मंत्री के कारण लम्बे समय से सरकार व संगठन की प्रदेश में हो रही किरकिरी के चलते सरकार भी सख्त कदम उठा सकती है।  सत्ता पक्ष की इन कमियों का विपक्षी दल भी जम कर विरोध करते जा रहे है यही वजह हे की कल प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान गैरसैंण में हुआ सरकार के खिलाफ हुआ जन आंदोलन

उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से नेताओं से जुड़ी तमाम घटनाएं सामने आ चुकी हैं। एक नेता के क्षेत्रवाद पर दिए बयान से पूरे उत्तराखंड में आक्रोश छा गया। ऐसे हालात में चर्चा ये भी है कि राज्य में कैबिनेट विस्तार के साथ ही एक मंत्री को हटाया भी जा सकता है। उनकी जगह किसे मंत्री बनाया जाएगा, ये बड़ा सवाल है। हालांकि ये केवल चर्चाएं ही हैं। या पार्टी व  सरकार में संतुलन स्थापित करने में अलक़मान का इंतजार कर रही है अगर नहीं तो पार्टी शायद ही इस पर जल्द कोई फैसला ले सके.

 

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