केडी सिंह बाबू की हवेली की नीलामी पर कोर्ट ने लगाई रोक, मुख्यमंत्री की पहल पर राष्ट्रीय स्तर का स्मारक बनाने की कवायद हुई शुरू

रिपोर्ट- मो0 रज़ी सिद्दीकी

बाराबंकी – उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में  11 जुलाई को होने जा रही मशहूर अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह बाबू की हवेली की नीलामी पर अदालत में रोक लगा दी है। अदालत ने डीएम को हवेली अपनी कस्टडी में लेकर रिसीवर नियुक्त करने का आदेश दिया है। जिसके बाद अब इस कोठी को राष्ट्रीय संग्रहालय का रूप देने की कवायद को बल मिला है। जिसमें केडी सिंह बाबू की स्मृतियां संजोई जाएंगी। इसमें केडी सिंह बाबू की प्रतिमा के साथ-साथ एक फोटो गैलरी का भी निर्माण होगा। इसके लिए हवेली के 17 पक्षकारों ने अपनी सहमति भी दे दी है।

केडी सिंह बाबू की हवेली को संग्रहालय बनाने का किया था अनुरोध

दरअसल खाद्य एवं रसद एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने जिले के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर केडी सिंह बाबू की हवेली को संग्रहालय बनाने का अनुरोध किया था। जिस पर उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए जिला अधिकारी को निर्देशित किया। जिसके बाद जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद केडी सिंह बाबू की हवेली के दावेदारों से बातचीत की। उन्होंने इसके 17 पक्षकारों को इस बात के लिए राजी किया कि वह हवेली को संग्रहालय बनाने के लिए सरकार को सौंप दें। हालांकि अभी भी दो अन्य पक्षकारों की सहमति मिलनी बाकी है।

कोर्ट ने कोठी की नीलामी पर लगाया स्टे 

राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि यह हवेली जिले ही नहीं बल्कि देश की धरोहर है। लोगों की भावना इससे जुड़ी हुई है। हम लोगों की कोशिश है कि इसे इस तरह सुसज्जित किया जाए कि भावी पीढ़ी को इससे प्रेरणा मिल सके। वहीं जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि कोर्ट ने कोठी की नीलामी पर स्टे लगाया है। न्यायालय के निर्देश पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीं जिले के हॉकी प्रेमियों ने केडी सिंह बाबू की हवेली के स्मारक बनने की पहल पर खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि इस हवेली से बाराबंकी के लोगों भावनाएं जुड़ी हैं। इसकी नीलामी की खबर से हम लोग काफी दुखी थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस हवेली को स्मारक बनने की पहल काफी सराहनीय है।

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