28 महीने जेल काटने के बाद रेप के आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी, DNA रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लिया फैसला

रिपोर्ट – विशु राघव 

अलीगढ़ – बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के आरोपियों को न्यायालय ने 28 महीने जेल काटने के बाद बरी कर दिया है | डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद कोर्ट ने ये निर्णय लिया| कोर्ट ने आरोपियों का DNA टेस्ट करवाने के आदेश दिए थे, रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया दोनों भाइयों पर गांव की ही नाबालिक युवती ने बलात्कार का आरोप लगाया था| जिसके बाद पुलिस ने बिना जांच के ही आरोपी अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था वहीं दूसरा आरोपी फरारचल रहा था, जिसको बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था |

पॉक्सो एक्ट के तहत  मामला 

आपको बता दें कि पूरा मामला अलीगढ़ के बरला थाना इलाके का है| आरोपी पक्ष के अधिवक्ता हरिओम गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया है कि 23 फरवरी 2019 को वादी पक्ष द्वारा थाना बरला में एक प्रार्थना पत्र दिया गया था जिसमें दो लोगों अमित और चंद्रशेखर को आरोपी बनाया गया था | प्रार्थना पत्र में जो आरोप लगाये गये थे उन्हें 452, 323, 506, 376 धाराओं के साथ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था| इसकी जांच पुलिस द्वारा की गई थी जिसमें पुलिस ने अभियुक्त अमित को तलब किया| अमित फरीदाबाद में नौकरी करता था, इस दौरान पुलिस ने उसकी कोई भी बात नहीं सुनी और उसे जेल भेज दिया |

मामले का ट्रायल चला

लड़की ने कहा था कि लड़की ने कहा था कि घटना से 6 महीने पहले उसके साथ गलत काम किया गया था, जिसके कारण वह गर्भवती थी| बिना डीएनए कराये पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया था  28 महीने अमित जेल में बंद रहा, हमने उच्च न्यायालय से डीएनए का एक आदेश कराया जिसमें डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है| इस मामले का ट्रायल चला, ट्रायल में छह गवाह पेश किए गए और सभी लोगों ने यह गवाही थी कि घटना के समय जो व्यक्ति जेल में है वह फरीदाबाद में था और अमित का जो भाई था वह एटा में रहता था|

दोनों के खिलाफ नहीं मिला कोई ऐसा एविडेंस 

घटना में किसी भी प्रकार का कोई भी दोषी नहीं पाया और न्यायालय ने निर्दोष मानते हुए दोनों को बरी कर दिया है| दोनों के खिलाफ कोई भी ऐसा एविडेंस नहीं मिला है, लड़की ने यह भी बताया मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती हूं और पुलिस ने कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं लगाया है, साथ में जो सब इंस्पेक्टर थे उन्होंने घटना थाने में ही बैठकर लिख दिया, घटना में कोई भी ऐसा साक्ष्य नहीं पाया जिससे कि बलात्कार महसूस होता हो, न्यायालय द्वारा दोनों लोगों को बरी कर दिया गया है|

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