KNEWS DESK… विधानसभा चुनाव 2022 के पहले भाजपा से रिश्ते तोड़ने वाले ओपी राजभर आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर साथ खड़े दिखाई दे सकते हैं जिसके संकेत अब स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहे हैं।
दरअसल आपको बतै दें कि 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले ही भाजपा से बगावत करते हुए भाजपा से रिश्ते तोड़ते हुए सपा से गठबंधन कर लिया था। लेकिन अब एक बार फइर से भाजपा के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर दिखाई दे सकते हैं वो भी आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के पहले ही क्योंकि इस समय वो लगातार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करते हुए देखे जा सकते हैं। राजभर के बेटे के शादी के मौके पर भाजपा नेताओं के जुटाव और उसके 48 घंटे के अंदर ही आधी रात को यूपी सीएम योगी से बन्द कमरे में मुलाकात की। यह मुलाकात से कयास लगाए जा रहे हैं कि एक बार फिर से राजभर भाजपा के साथ गठबंधन की पटकथा को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी दौरे पर गए सीएम योगी के और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीच हुई पौने घंटे की मुलाकात ने जहां प्रदेश में सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है। सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण राजभर ने जो संकेत दिए हैं उससे भी पटकथा के कथानक को साफ कर दिया है।
अरूण ने कहा- परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम योगी से लेंगे आशीर्वाद
सीएम व ओपी राजभर के मुलाकात के बाद अरूण ने कहा था कि जल्द ही वह परिवार के साथ लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम योगी से आशीर्वाद लेंगे। अरुण के इस बयान के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं कि राजभर के तल्ख बयानों को लेकर असहज रहने वाले मुख्यमंत्री को सहज करने की कोशिश है। लेकिन ओपी राजभर और भाजपा की तरफ से गठबंधन के बारे में अभी तक अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है, पर दोनों तरफ के नेताओं द्वारा एक दूसरे के प्रति जिस सहजता से बयान दिए जा रहे हैं, उससे यह माना जा रहा है कि भाजपा-सुभासपा के नए रिश्ते की अधिकारिक घोषणा जल्द की जा सकती है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अब राजभर और भाजपा के बीच गठबंधन की अधिकारिक घोषणा होना बाकी रह गया है। जल्द ही राजभर की दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात होनी है।
अगस्त तक की जा सकती है आधिकारिक घोषणा
सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत लगभर पूरी हो चुकी है। हालांकि सूत्र गठबंधन के स्वरूप के बारे में बहुत कुछ नहीं बता पा रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि पूर्वांचल की सामाजिक समीकरणों और प्रदेश की राजनीतिक गणित को देखते हुए भाजपा और राजभर को एक दूसरे की जरूरत है। इस मुलाकात में गठबंधन के स्वरूप को अंतिम रुप दिया जा सकता है । इसके बाद अगस्त में गठबंधन की घोषणा की जा सकती है। हालांकि राजभर के कोटे में लोकसभा की कौन सी सीट जाएगी, इसको चुनाव के समय ही सार्वजनिक की जाएगी।
इन 2 सीटों पर बन सकती है बात
सूत्रों का कहना है कि राजभर गठबंधन की अधिकारिक घोषणा होने से पहले ही उन सीटों को पक्का करना चाहते हैं, जिनपर वह सुभासपा के उम्मीदवार लड़ाना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि राजभर ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने फिलहाल दो सीटों पर दावेदारी पेश की है। इनमें एक घोसी के अलावा गाजीपुर, भदोही और चंदौली में कोई सीट शामिल है।
बीजेपी से ओम प्रकाश राजभर के रिश्ते सुधरने की थोड़ी सी आहट ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की चिंता बढ़ा दी है। उनको इस बात की चिंता सताने लगी है कि राजभर की वजह से गठबंधन में कहीं उनकी अहमियत कम न हो जाए। जिसको ध्यान में रखते हुए वह लगातार लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में भाजपा नेतृत्व के सामने किसी न किसी बहाने अपनी अहमियत दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही सुभासपा को कमजोर करने की रणनीति पर भी फोकस कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो निषाद की कोशिश है कि राजभर के कुछ भरोसेमंद लोगों को निषाद पार्टी में शामिल करके भाजपा नेतृत्व को यह संदेश दिया जाए कि सुभासपा के मुकाबले उनके लोगों की पसंद निषाद पार्टी है।