KNEWS DESK- महातूफान बिपरजॉय का प्रभाव गुजरात-मुंबई के तटों पर कुछ दिनें पहले दिखने लगा था। इस तूफान का खतरा इतना बड़ा हुआ नज़र आ रहा है जिसके चलते सरकार ने मुंबई में NDRF की 2 टीम तैनात कर दी है और गुजरात में 4 और भेजी हैं जहां पर इस चक्रवात की शुरुआत हुई थी। इस खतरनाक प्रलय ने भारत और पाकिस्तान, दोनों के तटों को तबाह कर दिया और व्यपाक नुक्सान पहुंचाया है। 2 मौतों की सूचना मिली और 23 लोग घायल हो गए है जबकि 100 से अधिक जानवरों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि 8 प्रभावित जिलों में बिजली की आपूर्ति करने और सड़कों को साफ़ करवाने के लिए 1000 से अधिक टीमें दौड़ लगा रही हैं लेकिन बताया जा रहा है कि इस चक्रवात के प्रकोप से पकिस्तान काफी हद तक बच गया है जिसके चलते पकिस्तान के अधिकारियों को तटीय क्षेत्रों में लगाए गए आपातकालीन उपायों को हटाने के लिए प्रेरित किया गया।
गुजरात और मुंबई के बाद इस चक्रवात का प्रभाव राजस्थान में भी देखा गया है। जिसके चलते राजस्थान के अलग अलग हिस्सों में तेज़ हवाओं के साथ भारी वर्षा देखने को मिल रही है। इसी बीच मौसम विभाग ने खुलासा किया है कि अजमेर जिला रेड अलर्ट से बाहर हो गया है जबकि रिपोर्ट के अनुसार अभी भी कुछ इलाकों में ‘रेड अलर्ट’ जारी है। राजस्थान के उदयपुर इलाके में चक्रवात के प्रभाव के चलते हवा और भारी बारिश के कारण दूसरी मंजिल से कांच गिरा जिससे एक कार क्षतिग्रस्त हो गई।
केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह 17 जून को गुजरात पहुंचे थें और गुजरात के सीएम के साथ लग के उन्होंने चक्रवात बिप्रजॉय से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। कच्छ के साथ साथ सौराष्ट्र के घरों में बड़े पैमाने पर पानी भर गया था जिसमें लोगों का समान तैरता हुआ नज़र आया था। अकेले कच्छ में, लगभग 80,000 बिजली के खंबे गिर गए और 33,000 हेक्टेयर कृषि भूमि तभ हो चुकी है। इसके चलते अमित शाह ने दावा दिया है कि प्रभावित इलाकों में 20 जून तक बिजली की सप्लाई को रिस्टोर किया जाएगा।