मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ 23 दिसंबर से शुरू, विपक्ष ने किया विरोध

KNEWS DESK, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से एक नई यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसे अब “प्रगति यात्रा” नाम दिया गया है। जिसका पहला चरण 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक चलेगा।

Samadhan Yatra' के दूसरे दिन CM ने सीतामढ़ी व शिवहर में लिया विकास योजनाओं  का जायजा, अधिकारियों को दिए निर्देश - cm reviewed development plans in  sitamarhi and sheohar during ...

23 दिसंबर से शुरू होने वाली नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को पहले महिला संवाद यात्रा कहा जा रहा था और इसकी शुरुआत 15 दिसंबर से होने वाली थी, लेकिन अब यात्रा की तारीख में बदलाव किया गया है। मुख्यमंत्री की यह यात्रा पश्चिम चंपारण से शुरू होगी और इसका पहला चरण 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक चलेगा।पहले चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांच जिलों का दौरा करेंगे। यात्रा की शुरुआत 23 दिसंबर को पश्चिम चंपारण से होगी। इसके बाद 24 दिसंबर को वे पूर्वी चंपारण में रहेंगे। 25 दिसंबर को क्रिसमस के कारण यात्रा स्थगित रहेगी। 26 दिसंबर को नीतीश कुमार शिवहर और सीतामढ़ी में अपने कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जबकि 27 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में उनका दौरा होगा। यात्रा का पहला चरण 28 दिसंबर को वैशाली में समाप्त होगा।

‘प्रगति यात्रा’ का क्या है उद्देश्य ?

नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ का उद्देश्य राज्य में विकास की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना और जनता के बीच सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देना है। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों का जायजा लेंगे और लोगों से संवाद करेंगे। इस यात्रा को लेकर राज्य सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं और मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए कई अधिकारियों को जिम्मेदारियां दी हैं।

यात्रा पर सियासी बयानबाजी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस यात्रा को लेकर सियासी हलकों में हलचल मची हुई है। पहले इसे “महिला संवाद यात्रा” का नाम दिया गया था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर “प्रगति यात्रा” रख दिया गया है। इस यात्रा को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस यात्रा को “फिजूलखर्ची” करार देते हुए कहा था कि इससे जनता को कोई लाभ नहीं होने वाला है और यह सरकारी खजाने का दुरुपयोग होगा। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इस यात्रा को लेकर कई बयान दिए थे, जिनमें उन्होंने कहा था कि यह सिर्फ राजनीतिक प्रचार के लिए की जा रही एक यात्रा है, जिसका असल मकसद लोगों की समस्याओं को हल करना नहीं है। तेजस्वी यादव ने तो इसे “निरर्थक यात्रा” बताया और कहा था कि मुख्यमंत्री को जनहित के मुद्दों पर काम करने की बजाय इस प्रकार की यात्रा पर पैसा बर्बाद नहीं करना चाहिए।

सरकार का जवाब

विपक्ष की आलोचनाओं के बीच, नीतीश कुमार के समर्थकों का कहना है कि यह यात्रा राज्य में सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने का एक अहम कदम है। उनका कहना है कि इससे लोगों को सीधे अपनी समस्याओं के बारे में बताने का मौका मिलेगा और सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए तत्पर रहेगी।

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