KNEWS DESK- गीता प्रेस गोरखपुर के ट्रस्टी रहे बैजनाथ अग्रवाल का 90 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया| उन्होंने साल 1950 में गीता प्रेस ट्रस्ट जॉइन किया था| बीती रात लगभग 2:30 बजे उन्होंने हरिओम नगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर दुख जताया है|
बैजनाथ अग्रवाल के निधन पर शनिवार आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, गीता प्रेस, गोरखपुर के ट्रस्टी श्री बैजनाथ अग्रवाल जी का निधन अत्यंत दुखद है| विगत 40 वर्षों से गीता प्रेस के ट्रस्टी के रूप में बैजनाथ जी का जीवन सामाजिक जागरूकता और मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा है| उनके निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है| प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों और संपूर्ण गीता प्रेस परिवार को यह अथाह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें|
गीता प्रेस, गोरखपुर के ट्रस्टी श्री बैजनाथ अग्रवाल जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
विगत 40 वर्षों से गीता प्रेस के ट्रस्टी के रूप में बैजनाथ जी का जीवन सामाजिक जागरूकता और मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उनके निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 28, 2023
गांधी शांति से नवाजे जा चुके हैं
संस्कृति मंत्रालय की तरफ साल 2021 में गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है| जिस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं है बल्कि एक जीवंत आस्था है| गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी भी मंदिर से जरा भी कम नहीं है| गांधी शांति पुरस्कार में 1 करोड़ रुपये की राशि के साथ एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है| गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरूआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को सम्मान देते हुए की थी|
आपको बता दें, गीता प्रेस की शुरुआत सन 1923 में हुई थी| इसके संस्थापक महान गीता-मर्मज्ञ श्री जयदयाल गोयन्दका थे| यह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक हैं, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिसके अंतर्गत श्रीमद्भगवद्गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां भी हैं|