रिपोर्ट – रितेश चौहान
उत्तर प्रदेश – मान्यता है सावन में भगवान शिव धरती पर विध्यमान रहते हैं| शिव भोले को मनाने को हिंदू सनातनी गंगा घाटों से जल भर कांवड़ कंधे पर रखकर बहुत बहुत दूर तक यात्रा करते हैं और प्रसिद्ध शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते, दूर दराज से आने वाले कांवड़ यात्री डीजे आदि से समूह बनाकर यात्रा करते हैं|
दरअसल बता दें कि उ.प्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर वर्ष कांवड़ यात्रियों को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए कांवड़ मार्ग पर प्रशासन हर संभव मदद को समुचित व्यवस्था करती है| बदायूं में अटेना गंगा घाट और कछला गंगा घाट पर बदायूं ही नहीं बल्कि कासगंज, एटा मैनपुरी फर्रुखाबाद बरेली आदि जिलों के लोग कांवड़ भरकर यात्रा करते हैं|
बता दें कि कांवड़ यात्री सावन के हर सोमवार को शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं| इसी क्रम में सावन के महीने में शाहजहांपुर के पटना देवकली मंदिर में दूर-दूर से आए भक्तों भीड़ जुटने लगती है। कांवड़ यात्री यहां पंक्तियां रविवार रात से ही जुटने लगे और रात्रि दो बजे से ही बड़ी संख्या में जलाभिषेक किया| लोगों में अपार श्रद्धा है भगवान शिव के प्रति, श्रृद्धालु मानते सावन के सोमवार को कांवड़ से जलभर कर जलाभिषेक से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और भगवान शिव खुश होते हैं|
कांवड़िए की डाक की तरह दौड़ कर यात्रा करते दिखते हैं तो कुछ सड़क पर लेट-लेट कर यात्रा करते हैं| आज बदायूं में कुछ कांवड़िए भगवान आदि शिव की विशाल प्रतिमा को हाथों से कछला घाट से बदायूं विरुआबाड़ी मंदिर तक ले जाएंगे|