स्टीमर में मानक से ज्यादा यात्री कर रहे सफर, लेकिन अफसर बेखबर

यात्रियों की जान से हो रहा है खिलवाड़

बांदा- जनपद की पैलानी तहसील में आने वाली यमुना नदी में बारा गलौली पाटन पुल बारिश के दिनों में टूट गया था, जिसके बाद लोक निर्माण विभाग यात्रियों की सुविधा के लिये ठेके पर स्टीमर का संचालन करता है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये है कि स्टीमर संचालक ठेकेदार मानकों को ताक पर रखकर भूसे की तरह सवारियों ढो रहे हैं। इसमें न सिर्फ नाव पलटने से होने वाले नुकसान का जोखिम है बल्कि हादसे में लोगों को अपनी जान से भी हांथ धोना पड़ सकता है। हालात ये हैं कि मानकों को ताक पर रखकर 50 से अधिक मोटरसाइकिलें व 300 सवारियों को लादकर लाया जा रहा है, और हद तो इस बात की है स्टीमर में  दो-दो नावों को भी बाँधकर लाया जा रहा है, और प्रशासन है कि हादसों से सबक न लेते हुये फिर किसी बड़े हादसे को दावत दिये बैठा है।

क्या बोले जिम्मेदार

इस मामले में जब मीडिया ने ठेकेदार से बात की तो उन्होने ओवरलोड सवारियों के सवाल पर कहा कि स्टीमर में नाव नहीं बांधी जाती है हो सकता है कि यदि कोई छूट गया हो तो स्टीमर तक नाव छोड़ने आई हो। पैसे वसूले जाने के सवाल पर उन्होने कहा कि ये सेवा निशुल्क है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हकीकत ये है कि जनपद फतेहपुर की ओर से बादां के ब्रम्हदेव बाबा स्थान में प्रवेश हेतु रोज हजारों की संख्या की भीड़ रहती है। जिसके लिये कारण स्टीमर संचालक इसका फायदा उठाते हैं, और लोगों से वसूली करके उन्हें इस पार से उस पार लाया जाता है। उधर जब इस पूरे प्रकरण की जानकारी पैलानी एसडीएम महेंन्द्र प्रताप सिंह से ली गई तो उनके द्वारा बताया गया कि यह हमारी जानकारी में नहीं है, अगर ऐसा है तो जल्द से जल्द कार्रवाई की जायेगी।

 

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