पंचायत चुनाव पर सवाल ,विपक्ष ने मचाया बवाल !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के नामांकन के एक दिन पहले भारी बारिश के बीच चुनाव कराये जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि आपदाओं के बीच पंचायत चुनाव करवाना राज्य सरकार की अदूरदर्शी व लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने मंगलवार को कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि आज पूरे प्रदेश में भयंकर आपदा आई हुई है। उत्तरकाशी से लेकर गढ़वाल के सभी जिलों और कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जनपदों में बारिश, भूस्खलन से भरी तबाही हो रखी है। सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी चुनाव कराने और आपदा में अवसर तलाश कर चुनाव जीतने की जुगत में है। कांग्रेस ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव कार्यकाल खत्म हो जाने के तत्काल बाद हो जाने चाहिए थे. लेकिन सरकार ने असंवैधानिक तरीके से निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया। इसके बाद सरकार लगातार सात महीनों तक चुनाव टालने के ही बहाने ढूंढती रही। जब हाईकोर्ट की फटकार लगी. तब आनन फानन में जुलाई में पंचायत चुनाव करवाने की घोषणा कर दी। इसमें भी आरक्षण का रोस्टर ज़ीरो कर जान बूझकर विवाद पैदा कर लोगों को कोर्ट जाने पर मजबूर किया, जिसके कारण चुनाव अब जुलाई में भारी बरसात और भयंकर आपदा के बीच हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी प्रकार की जन हानि हुई तो इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी।

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया है। हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में दो चरणों में होने वाले चुनाव की प्रक्रिया आज नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ शुरू हो जाएगी. पहले चरण में 24 जुलाई को 49 और दूसरे चरण में 28 जुलाई को 40 विकासखंडों में मतदान होगा। मतगणना 31 जुलाई को होगी। त्रिस्तरीय पंचायतों में ग्राम प्रधान के साथ ही ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के कुल 66418 पदों पर 47.77 लाख मतदाता प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। हरिद्वार जिला और राज्य के नगरीय क्षेत्रों को छोड़ राज्य के शेष हिस्से में पंचायत चुनाव की आचार संहिता प्रभावी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने 21 जून को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की थी। इस बीच पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे मामले में आरक्षण प्रक्रिया पर हाईकोर्ट द्वारा स्थगनादेश दिए जाने के उपरांत आयोग ने 24 जून को चुनाव की प्रक्रिया को अगले आदेश तक रोक दी थी। हाईकोर्ट द्वारा चुनाव को हरी झंडी दिए जाने के बाद आयोग ने सरकार से विमर्श कर बीते दिनों पंचायत चुनाव का संशोधित कार्यक्रम तय कर दिया। साथ ही इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी। जिसके चलते दो से पांच जुलाई तक नामांकन पत्र दाखिल होंगे सात से नौ जुलाई तक नामांकन पत्र की जांच होगी। 10 व 11 जुलाई को सुबह आठ से अपराह्न तीन बजे नाम वापस लिए जा सकेंगे। 14 जुलाई को प्रथम चरण के चुनाव के लिए चुनाव चिन्ह आवंटित होंगे। 18 जुलाई को दूसरे चरण के चुनाव के लिए चुनाव चिह्न आवंटित होंगे. 24 जुलाई को पहले चरण के चुनाव को सुबह आठ से शाम पांच बजे तक  मतदान होगा। 28 जुलाई को दूसरे चरण में सुबह आठ से शाम पांच तक मतदान होगा। 31 जुलाई को सुबह आठ बजे से  मतगणना होगी। वही विपक्ष का आरोप है कि आपदाओं के बीच पंचायत चुनाव करवाना राज्य सरकार की  मानसिकता को दर्शाता है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में भयंकर आपदा आई हुई है। उत्तरकाशी से लेकर गढ़वाल के सभी जिलों और कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जनपदों में बारिश, भूस्खलन से भरी तबाही हो रखी है. जिससे प्रत्याशियो व जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

वही बीजेपी ने पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गांवों की सरकार चुनने का रास्ता साफ हो गया है। विपक्ष को निशाने पर लेते हुए बीजेपी ने कहा कि चुनाव की राह मे रोड़े अटकाती आ रही कांग्रेस ने सरकार पर उल्टे चुनाव न कराने के आरोप लगाए. लेकिन अब उसके मुंह पर तमाचा लगा है। बीजेपी ने कहा कि सरकार व जनता सभी शुरुआत से चुनाव के पक्ष में रहे हैं। धामी सरकार निष्पक्ष जनभावनाओं के अनुरूप और पारदर्शिता के साथ चुनाव के लिए प्रयासरत है. कांग्रेस जारी प्रक्रिया के खिलाफ रोड़े अटकाती रही है। यह खुशी का विषय है कि न्यायालय ने सरकार की आरक्षण प्रक्रिया को सही ठहराया है। बीजेपी ने यह भी कहा कि पार्टी के पास समर्थित प्रत्याशियों के नामों का पैनल आ गया है और शीघ्र इनकी विधिवत घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने पर्यवेक्षक सभी विधानसभा क्षेत्रों में भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट उन्हें मिल चुकी है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा कि जब भी चुनाव आता है कांग्रेस का परिवारवाद सामने आ ही जाता है। पंचायत चुनाव के बाद फिर विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के बड़े नेता अपने अपने परिवार का राजनीतिक भविष्य बनाने में जुट जाएंगे। कारण यह कि कांग्रेस के पास अब कार्यकर्ता ही नहीं हैं और जो थोड़े बहुत हैं भी उनकी उसे चिंता नहीं है। बीजेपी ने कहा कि सरकार पूरे मनोयोग से पंचायत चुनाव का यज्ञ संपन्न कराने में जुटी है। बीजेपी आस्वस्थ है कि वर्षाकाल से बचाव भी होगा और मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा।वही प्रत्याशियों ने भी पंचायत चुनाव में मौसम को अलग रखा मैदान में कूदने का फैसला ले लिया है

नैनीताल के निकटवर्ती गाँव सौलिया, तल्ला कूण के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार शुरू कर दिया है। पंचायत चुनावों का बहिष्कार कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि 90 के दशक से ग्रामीण गाँव से मुख्य मार्ग तक सड़क बनाने की मांग करते आ रहे है। लेकिन उनकी सुध न तो प्रशासन ने ली न ही किसी जनप्रतिनिधियों ने। चुनाव बहिष्कार कर रहे लोगो का कहना है उन्हें आज तक कोरे आश्वासन से शिवा कुछ नही मिला सड़क न होने से गाँव के बीमार बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक आना पड़ता है। ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान करते हुए कहा गाँव के लोग पूरी तरह खेती पर निर्भर करते है। मौसमी सब्जियां उगाकर अपना गुजर बसर करते है। लेकिन वर्षाकाल के दौरान गधेरे में तीव्र उफान के चलते वे मंडी तक अपनी फसलें बेचने नही ले जा पाते जिसके चलते उनकी सब्जियां खेतों में ही खराब हो जाती है। जब स्थानीय युवतीं किरण से चुनाव बहिष्कार के बावत बात की तो वो भावुक हो गई

प्रदेश में अब पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तैयारी राज्य चुनाव निर्वाचन ने कर ली है वहीं नामकरण की प्रक्रिया भी अब शुरू हो चुकी है बड़ी संख्या में बढ़-चढ़ कर तमाम प्रत्याशी मैदान में उतरने को लेकर अति उत्साहित है मौसम की चुनौतियों की वजह से और साथ ही पंचायत चुनाव में देरी की वजह सिर्फ भाजपा सरकार की मान रहे हैं और वही मानसून ने प्रदेश  में दस्तक दे दी है मानसून की वजह से अति दुर्गम क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी टूटने के कारण प्रत्याशियों को आम जनता के बीच में पहुंचने में भी कड़ी मशक्कत करनी होगी इस मानसून पीरियड में आम जनता के पास किन-किन बातों को लेकर के प्रत्याशी पहुंच पाते हैं और कितना वादा पूरा कर पाते है ये देखना अभी बाकी है.