lucknow: टिकट न मिलने के बाद भी पश्चिमी यूपी के बड़े मुस्लिम नेता इमरान मसूद समाजवादी पार्टी में ही बने रहेंगे। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से आज उन्होंने मुलाक़ात हुई। कुछ ही दिनों पहले वे कांग्रेस छोड़ कर समाजवादी पार्टी में आए थे. वे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव थे. इमरान के साथ ही सहारनपुर देहात से विधायक मसूद अख़्तर भी समाजवादी पार्टी में आ गए थे। कांग्रेस में रहते हुए भी इमरान मसूद लगातार समाजवादी पार्टी से गठबंधन की बात करते रहे थे।
इमरान मसूद का दावा था कि बीजेपी (BJP) से सिर्फ़ समाजवादी पार्टी ही मुक़ाबला कर सकती है. समाजवादी पार्टी इस बार राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के साथ मिल कर चुनाव लड़ रही है. इमरान मसूद इस बार सहारनपुर के बेहट से चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन समाजवादी पार्टी ने न तो उनको टिकट दिया और न ही उनके विधायक साथी मसूद अख्तर को. इसके बाद से ही वे नाराज़ चल रहे थे।
वीडियो हो रही वायरल-
उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ जिसमें वे कह रहे थे कि मुसलमानों अब तो एक हो जाओ. फिर इस तरह की ख़बरें भी आने लगीं कि वे समाजवादी पार्टी छोड़ कर बीएसपी भी जा सकते हैं. लेकिन चार पांच दिनों तक अपने समर्थकों से बात चीत करने के बाद वे लखनऊ पहुंचे. जहां यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनकी मुलाक़ात हुई. इमरान ने उनके सामने अपने मन की बात रखी. अखिलेश ने भी उन्हें पूरा मान समान देने का भरोसा दिया।
बैठक ख़त्म होने के कुछ ही देर बाद समाजवादी पार्टी ने इमरान के करीबी नेता अंजुम रागिब को सहारनपुर का ज़िलाध्यक्ष बना दिया. ये तय हुआ कि इमरान पूरी लगन से समाजवादी पार्टी और आरएलडी गठबंधन के लिए काम करेंगे। इमरान एक बार निर्दलीय विधायक रह चुके है. कांग्रेस के टिकट पर वे 2 बार सहारनपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े पर दोनों बार हार गए. 2014 के चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोटी बोटी काट देने वाले बयान को लेकर वे विवादों में रहे थे. उनका ये बयान आज भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है।